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वीरासन (तीन प्रकार) करने की विधि, फायदे और सावधानियां। 1

वीरासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम वीरासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

वज्रासन से मिलता-जुलता अभ्यास है वीरासन, या कुछ ग्रंथों में वीरासन को वज्रासन की पूर्व तैयारी कहां जा सकता है। वीरासन के अभ्यास करने की विधियां तीन प्रकार की बताई गई है। जिन्हें हम इस आर्टिकल में कवर करेंगे।

इस आर्टिकल में वीरासन को करने की तीन विधियों के बारे में जानेंगे। कुछ योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) पहली विधि अनुसार कराते हैं एवं द्वितीय विधि घेरण्ड संहितानुसार है। कुछ योगाचार्यों ने प्रथम विधि का नाम ब्रह्मचर्य आसन रखा है। इस तीन आसनों के अलावा वीरासन के और भी प्रकार है।

योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है।

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन वीरासन हैं।

इसलिए, इस लेख में हम  वीरासन के बारे में जानेंगे। वीरासन क्या है, वीरासन करने का सही तरीका, वीरासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

Table of Contents

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वीरासन का प्रथम प्रकार

वीरासन का शाब्दिक अर्थ।

वीरासन (प्रथम प्रकार) करने का सही तरीका।

वीरासन (प्रथम प्रकार) करने की विधि।

विधि।

ध्यान।

श्वासक्रम/समय।

दिशा।

वीरासन (प्रथम प्रकार) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

वीरासन (प्रथम प्रकार) करने के फायदे।

इस आसन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

वीरासन का द्वितीय प्रकार

वीरासन (द्वितीय प्रकार) करने का सही तरीका।

वीरासन (द्वितीय प्रकार) करने की विधि।

विधि।

ध्यान।

श्वासक्रम/समय।

दिशा।

वीरासन (द्वितीय प्रकार) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

वीरासन (द्वितीय प्रकार) करने के फायदे।

इस आसन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

वीरासन का तृतीय प्रकार

वीरासन (तृतीय प्रकार) करने का सही तरीका।

वीरासन (तृतीय प्रकार) करने की विधि।

विधि।

श्वासक्रम।

वीरासन (तृतीय प्रकार) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

वीरासन (तृतीय प्रकार) करने के फायदे।

इस आसन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

Ques 1. वीरासन (प्रथम प्रकार) करने की विधि?

Ans. Virasana (प्रथम प्रकार) करने की विधि।

Ques 2. वीरासन (द्वितीय प्रकार) करने की विधि?

Ans. Virasana (द्वितीय प्रकार) करने की विधि।

Ques 3. वीरासन (तृतीय प्रकार) करने की विधि?

Ans. Virasana (तृतीय प्रकार) करने की विधि।

Ques 4. वीरासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. Virasana का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

Virasana (प्रथम प्रकार) करने के फायदे।

Virasana (द्वितीय प्रकार) करने के फायदे।

Virasana (तृतीय प्रकार) करने के फायदे।

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