• Thu. Sep 19th, 2024

    INDIA TODAY ONE

    Knowledge

    उत्थान पृष्ठासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Utthan Pristhasana in hindi.1

    उत्थान पृष्ठासन
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन उत्थान पृष्ठासन हैं। उत्थान पृष्ठासन को नितंबों को सही आकार व कूल्हों की मांसपेशियों के लिए सर्वश्रेष्ठ योगासनों में से एक माना जाता है। यह एक मध्यम स्तर का योगासन है।  इस आसन को अंग्रेजी में “Lizard pose” कहा जाता है।

    इसलिए, इस लेख में हम उत्थान पृष्ठासन के बारे में जानेंगे। उत्थान पृष्ठासन क्या है, उत्थान पृष्ठासन करने का सही तरीका, उत्थान पृष्ठासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

    उत्थान पृष्ठासन करने का सही तरीका।

    उत्थान पृष्ठासन करने की विधि।

    उत्थान पृष्ठासन

    विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर पेट के बल लेट जाएँ।
    • अब वक्षःस्थल (chest area) के नीचे दोनों हाथों को आपस में बाँध लें। (चित्रानुसार) 
    • ऐसा लगे मानो दोनों हाथों ने आपस भुजाओं को पकड़ रखा हो। 
    • अब पहली स्थिति में सिर, वक्षःस्थल और नितंबों को ऊपर उठाएँ। (चित्रानुसार)
    • अब धड़ को पीछे ले जाते हुए ठुड्डी और वक्षःस्थल को ज़मीन पर बंधे हुए हाथ के पीछे स्पर्श करवाएं। 
    • ऐसा करने से नितंब पीछे ऊपर की तरफ़ उठ जाएँगे।
    • 2-3 मिनट या यथाशक्ति इस मुद्रा में बने रहे।
    • अब वापस पहली स्थिति में आ जाएँ।

    ध्यान।

    • इस आसन का अभ्यास करते समय अपना ध्यान स्वाधिष्ठान और मणिपूरक चक्र पर केंद्रित करें।

    श्वास का क्रम।

    • अभ्यास के दौरान नितंबों को उठाते समय श्वास अंदर लें।
    • पहली स्थिति में वापस आते समय श्वास बाहर छोड़े।

    समय।

    • 2-3 मिनट तक या यथाशक्ति करें।

    उत्थान पृष्ठासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    उत्थान पृष्ठासनकरने के फायदे।

    उत्थान पृष्ठासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • कूल्हों की मांसपेशियों के लिए अच्छा योगासन है। 
    • पीठ एवं मेरुदण्ड को लचीला बनाता है।
    • उदर क्षेत्र की जमी चर्बी को कम करता है।
    • महिलाओं के लिए लाभकारी।
    • वायु विकार दूर करता है।
    • नितंबों को सही आकार देता है।

    सावधानियां।

    • जिन लोगों की मेरुदंड कड़क हो या रीढ़ की हड्डी में कोई जटिल रोग हो तो वह साधक इस आसन का अभ्यास झटके के साथ न करें।

    👉 यह भी पढ़ें 

    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

    उत्थान पृष्ठासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

     

    FAQs

     

    Ques 1. उत्थान पृष्ठासन करने की विधि?

    Ans. उत्थान पृष्ठासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर पेट के बल लेट जाएँ।
    • अब वक्षःस्थल (chest area) के नीचे दोनों हाथों को आपस में बाँध लें। (चित्रानुसार) 
    • ऐसा लगे मानो दोनों हाथों ने आपस भुजाओं को पकड़ रखा हो। 
    • अब पहली स्थिति में सिर, वक्षःस्थल और नितंबों को ऊपर उठाएँ। (चित्रानुसार)
    • अब धड़ को पीछे ले जाते हुए ठुड्डी और वक्षःस्थल को ज़मीन पर बंधे हुए हाथ के पीछे स्पर्श करवाएं। 
    • ऐसा करने से नितंब पीछे ऊपर की तरफ़ उठ जाएँगे।
    • 2-3 मिनट या यथाशक्ति इस मुद्रा में बने रहे।
    • अब वापस पहली स्थिति में आ जाएँ।

     

    Ques 2. उत्थान पृष्ठासन करने के क्या फायदे  है?

    Ans. उत्थान पृष्ठासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • कूल्हों की मांसपेशियों के लिए अच्छा योगासन है। 
    • पीठ एवं मेरुदण्ड को लचीला बनाता है।
    • उदर क्षेत्र की जमी चर्बी को कम करता है।
    • महिलाओं के लिए लाभकारी।
    • वायु विकार दूर करता है।
    • नितंबों को सही आकार देता है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!

    Discover more from INDIA TODAY ONE

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading