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    ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने का तरीका और 15 फायदे – Method and benefits of Urdhva Mukha Svanasana in Hindi

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन
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    हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने का तरीका और फायदों के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि योगासन करने के क्या नियम होते हैं।

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने का सही तरीका।

    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने के फायदे।

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का अभ्यास करते समय पैरों की उंगलियों, पैरों के ऊपरी हिस्से में, जंघा, पेट, छाती, फेफड़ों, और कंधों में खिंचाव लाता है। जिससे यह सभी मांसपेशियां लचीली बनती है, स्वास्थ बनती है और इनमें रक्त का संचार अच्छे प्रकार से होता हैं। जिसके परिणाम स्वरूप यह सभी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। 
    • इस योगासन के अभ्यास में शरीर का सारा भार हाथों, पैरों और कंधों पर होता हैं। जिससे हाथों की हथेलियां, कोहनियां, कलाईयां (wrists), बाजुएं और कंधे एवं पैर बलवान व शक्तिशाली बनते हैं। 
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का रोजाना अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है और मजबूत बनती हैं। 
    • इस योगासन के अभ्यास से पीठ व कमर दर्द, पीठ में जकड़न, गर्दन में दर्द, कन्धों में जकड़न जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। 
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का अभ्यास करने से पेट में खिंचाव लाता है। जिससे पेट की मांसपेशियों सशक्त बनती हैं और यह पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है।
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन, दमा (asthma) से पींड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का प्रतिदिन अभ्यास से कटिस्नायुशूल (sciatica) जैसी समस्या से राहत मिलती हैं।
      कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है। sciatic nerve की समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से हल्के तनाव (mild depression), थकान (Tiredness) दूर होती हैं।
    • बैठने और खड़े रहने की मुद्रा में सुधार करने के लिए इस योगासन का अभ्यास करना लाभकारी होता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक पर प्रभाव पड़ता है।
    • मोटापे को कम करने के लिए भी इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।

    ऊर्ध्व मुख श्वानासन

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    योग के नियम

    अगर आप इन कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य ही आपको योग अभ्यास का पूरा लाभ मिलेगा।

    • किसी गुरु के निर्देशन में योग अभ्यास आरम्भ करें।
    • सूर्योदय या सूर्यास्त का वक्त योग का सही समय है।
    • योग करने से पहले स्नान ज़रूर करें।
    • योग खाली पेट करें और योग करने के 2 घंटे पहले कुछ ना खायें।
    • योग आरामदायक सूती कपड़े पहन के करे
    • तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए योग करने से पहले सब बुरे ख़्याल दिमाग़ से निकाल दें।
    • किसी शांत वातावरण और साफ जगह में योग अभ्यास करें।
    • अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
    • योग अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
    • अपने शरीर के साथ जबरदस्ती बिल्कुल ना करें।
    • धीरज रखें। योग के लाभ महसूस होने मे वक्त लगता है।
    • निरंतर योग अभ्यास जारी रखें।
    • योग करने के 30 मिनिट बाद तक कुछ ना खायें। 1 घंटे तक न नहायें।
    • प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
    • अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।
    • अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें।
    • योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।

    योग के प्रमुख उद्देश्य 

    योग के उद्देश्य :-

    • तनाव से मुक्त जीवन
    • मानसिक शक्ति का विकास करना
    • प्रकृति के विपरीत जीवन शैली में सुधार करना
    • निरोगी काया
    • रचनात्मकता का विकास करना
    • मानसिक शांति प्राप्त करना
    • सहनशीलता में वृद्धि करना
    • नशा मुक्त जीवन
    • वृहद सोच
    • उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास करना

    योग के लाभ/महत्व

    • रोज सुबह उठकर योग का अभ्यास करने से अनेक फायदे हैं योग मन, मस्तिष्क, ध्यान और शरीर के सभी अंगो का एक संतुलित वर्कआउट है जो आपके सोच-विचार करने की शक्ति व मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है तनाव को कम करता है।
    • योग मन को अनुशासित करता है।
    • जहां जीम व एक्सरसाइज आदि से शरीर के किसी विशेष अंग का विकास या व्यायाम हो पाता है वही योग करने से शरीर के समस्त अंगों का, ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों, ग्रंथियों का विकास और व्यायाम होता है जिससे शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं।
    • प्रतिदिन योग करने से शरीर निरोगी बनता है।
    • योग का प्रयोग शारीरिक,मानसिक,बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास के लिए हमेशा से होता आ रहा है आज की चिकित्सा शोधों व डॉक्टरों ने यह साबित कर दिया है कि YOGA शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है।
    • योग एकाग्रता को बढ़ाता है। प्रतिदिन योग करने से हमारी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बढ़ती है।
    • प्रतिदिन योगासन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है शरीर स्वस्थ, निरोगी और बलवान बनता है।
    • योग के द्वारा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
    • योग से ब्लड शुगर का लेवल स्थिर रहता है। ब्लड शुगर घटने व बढने की समस्या नहीं होती है।
    • योग कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।
    • योग ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों को जागृत करता है।
    • योग डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
    • योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की सभी मांसपेशियों का अच्छा विकास व व्यायाम होता है जिससे तनाव दूर होता है
    • अच्छी नींद आती है भूख अच्छी लगती है पाचन तंत्र सही रहता है।
    • योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बहुत सी स्टडीज में साबित यह हो चुका है कि अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीज योग द्वारा पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं।
    • कुछ योगासनों और मेडिटेशन के द्वारा अर्थराइटिस, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द जोड़ों में दर्द आदि दर्द मे काफी सुधार होता है। गोली-दवाइयों की आवश्यकता कम हो जाती है।
    • योग बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। योगासनों के नित्य अभ्यास से बच्चों में मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है। जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर है वह भी मेडिटेशन के द्वारा पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ हो सकते है अपनी एकाग्रता में सुधार कर सकते है

    सारांश

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
    ऊर्ध्व मुख श्वानासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।

    FAQ

    Ques 1. ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने के क्या फायदे  है?
    Ans. ऊर्ध्व मुख श्वानासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का अभ्यास करते समय पैरों की उंगलियों, पैरों के ऊपरी हिस्से में, जंघा, पेट, छाती, फेफड़ों, और कंधों में खिंचाव लाता है। जिससे यह सभी मांसपेशियां लचीली बनती है, स्वास्थ बनती है और इनमें रक्त का संचार अच्छे प्रकार से होता हैं। जिसके परिणाम स्वरूप यह सभी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। 
    • इस योगासन के अभ्यास में शरीर का सारा भार हाथों, पैरों और कंधों पर होता हैं। जिससे हाथों की हथेलियां, कोहनियां, कलाईयां (wrists), बाजुएं और कंधे एवं पैर बलवान व शक्तिशाली बनते हैं। 
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का रोजाना अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है और मजबूत बनती हैं। 
    • इस योगासन के अभ्यास से पीठ व कमर दर्द, पीठ में जकड़न, गर्दन में दर्द, कन्धों में जकड़न जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। 
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का अभ्यास करने से पेट में खिंचाव लाता है। जिससे पेट की मांसपेशियों सशक्त बनती हैं और यह पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है।
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन, दमा (asthma) से पींड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।
    • ऊर्ध्व मुख श्वानासन का प्रतिदिन अभ्यास से कटिस्नायुशूल (sciatica) जैसी समस्या से राहत मिलती हैं।
      कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है। sciatic nerve की समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से हल्के तनाव (mild depression), थकान (Tiredness) दूर होती हैं।
    • बैठने और खड़े रहने की मुद्रा में सुधार करने के लिए इस योगासन का अभ्यास करना लाभकारी होता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक पर प्रभाव पड़ता है।
    • मोटापे को कम करने के लिए भी इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है।

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