Site icon INDIA TODAY ONE

गतिमय उत्कटासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां। 1

गतिमय उत्कटासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम गतिमय उत्कटासन  के बारे में जानकारी देंगे।

शारीरिक फिटनेस के लिए रोजाना योगाभ्यास करना सबसे आसान और प्रभावी तरीका माना जाता है। योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, साथ ही इसके रोजाना अभ्यास से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। यही कारण है कि योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को अपनी दिनचर्या में योग आसनो को शामिल करने की सलाह देते हैं।

रोजाना योगासनों का अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आता है। मांसपेशियां मजबूत एवं स्वस्थ बनती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है। 

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन गतिमय उत्कटासन हैं। 

गतिमय उत्कटासन हाथ, पैर, जांघ और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करने में काफी सहायक है। यह आसन संतुलन में सुधार करने के साथ पाचन तंत्र और फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।

इसलिए, इस लेख में हम  गतिमय उत्कटासन के बारे में जानेंगे। गतिमय उत्कटासन क्या है, गतिमय उत्कटासन करने का सही तरीका, गतिमय उत्कटासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

गतिमय उत्कटासन करने का सही तरीका।

गतिमय उत्कटासन करने की विधि।

विधि।

श्वासक्रम।

समय।

गतिमय उत्कटासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

गतिमय उत्कटासन करने के फायदे।

गतिमय उत्कटासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

स्लिप डिस्क :- विशेषज्ञों के अनुसार रीढ़ की हड्डियों को सहारा देने, हड्डियों को लचीला बनाकर रखने, उन्हें किसी भी तरह के झटके और चोट से बचाने के लिए छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं। अगर ये डिस्क किसी कारणवश सूज जाती हैं या टूट जाती हैं, तो उन्हें स्लिप डिस्क कहा जाता है।

कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है। sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।

सावधानियां।

👉 यह भी पढ़ें 

सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

गतिमय उत्कटासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

 

FAQs 

 

Ques 1. गतिमय उत्कटासन करने की विधि?

Ans. गतिमय उत्कटासन करने की विधि।

 

Ques 2. गतिमय उत्कटासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. गतिमय उत्कटासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

स्लिप डिस्क :- विशेषज्ञों के अनुसार रीढ़ की हड्डियों को सहारा देने, हड्डियों को लचीला बनाकर रखने, उन्हें किसी भी तरह के झटके और चोट से बचाने के लिए छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं। अगर ये डिस्क किसी कारणवश सूज जाती हैं या टूट जाती हैं, तो उन्हें स्लिप डिस्क कहा जाता है।

कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है। sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।

Exit mobile version