हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम जिव्हा बंध पर चर्चा करेंगे। योग और तंत्र ग्रंथों में लिखा है कि जिव्हा बंध खेचरी मुद्रा को साधने में प्रारंभिक अभ्यास के रूप में उपयोगी होता है। जिव्हा-बंध, ललना चक्र को जागृत करने में सहायक है। ललना चक्र जो आज्ञा चक्र के ठीक ऊपर और सहस्रार चक्र के नीचे स्थित है। और यह बंध स्वाद इंद्रियों (taste senses) एवं यौन इंद्रियों (sex senses) पर विजय पाने में सहायक। यह हम आपको जिव्हा बंध कि विशेषता, जिव्हा बंध करने का सही तरीका, जिव्हा बंध करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
जिव्हा बंध करने का सही तरीका।
जिव्हा बंध करने की विधि।
विधि।
- सर्वप्रथम अभ्यास के लिए ध्यान के किसी भी आसन (पद्मासन, सुखासन) में बैठें।
- अब मेरुदंड, गर्दन और सिर को एकदम सीधा करें और अपनी आँखों को बंद कर लें।
- अब इस बंध का शांत मन से अभ्यास करने के लिए मुंह खोलें और जीभ को उलटकर तालू से लगाएं। (चित्रानुसार)
- इस आसन के उच्च अभ्यास के अंतर्गत जीभ को कपाल गुहा में और उसके पश्चात गले में ले जाने का अभ्यास किया जाता है।
जिव्हा बंध का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
जिव्हा बंध करने के फायदे।
जिव्हा-बंध का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- योग और तंत्र ग्रंथों में लिखा है कि जिव्हा बंध खेचरी मुद्रा को साधने में प्रारंभिक अभ्यास के रूप में उपयोगी है।
- जिव्हा-बंध, ललना चक्र को जागृत करने में सहायक है। ललना चक्र जो आज्ञा चक्र के ठीक ऊपर और सहस्रार चक्र के नीचे स्थित है।
- प्रत्याहार में सहायक।
- स्वाद इंद्रियों (taste senses) और यौन इंद्रियों (sex senses) पर विजय पाने में सहायक।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। योग किसी के लिए बाधित नहीं है।
जिव्हा-बंध, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. जिव्हा बंध करने की विधि?
Ans. जिव्हा-बंध करने की विधि।
- सर्वप्रथम अभ्यास के लिए ध्यान के किसी भी आसन (पद्मासन, सुखासन) में बैठें।
- अब मेरुदंड, गर्दन और सिर को एकदम सीधा करें और अपनी आँखों को बंद कर लें।
- अब इस बंध का शांत मन से अभ्यास करने के लिए मुंह खोलें और जीभ को उलटकर तालू से लगाएं। (चित्रानुसार)
- इस आसन के उच्च अभ्यास के अंतर्गत जीभ को कपाल गुहा में और उसके पश्चात गले में ले जाने का अभ्यास किया जाता है।
Ques 2. जिव्हा बंध करने के क्या फायदे है?
Ans. जिव्हा-बंध का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- योग और तंत्र ग्रंथों में लिखा है कि जिव्हा बंध खेचरी मुद्रा को साधने में प्रारंभिक अभ्यास के रूप में उपयोगी है।
- जिव्हा बंध, ललना चक्र को जागृत करने में सहायक है। ललना चक्र जो आज्ञा चक्र के ठीक ऊपर और सहस्रार चक्र के नीचे स्थित है।
- प्रत्याहार में सहायक।
- स्वाद इंद्रियों (taste senses) और यौन इंद्रियों (sex senses) पर विजय पाने में सहायक।