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    भेकासन करने की विधि और फायदे – Method and benefits of doing Bhekasana in Hindi | 1

    भेकासन
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    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम भेकासन के बारे में जानकारी देंगे।

    जीवन में योग बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी असंतुलित जीवनशैली को संतुलित रखने और शरीर को स्वस्थ एवं fit रखने के लिए योग आसनों का अभ्यास करना चाहिए।

    योग न केवल जीवन को जीने का सही ढंग सिखाता है बल्कि कई प्रकार की बीमारियों, विकारों और समस्याओं को दूर करता हैं।

    योग विज्ञान (yoga science) में जीवन से जुड़ी हर चीज को शामिल किया गया है।  भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने जल और पृथ्वी दोनों में समान रूप से रहने वाले प्राणी मेंढक को देखकर भी कई योगासनों की रचना की है। जैसे, मंडूकासन, भेकासन, अर्ध भेकासन आदि। आज इस आर्टिकल हम बात कर रहे हैं भेकासन (Bhekasana) के बारे में चर्चा करेंगे।

    योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है।

    भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन भेकासन हैं।

    इसलिए, इस लेख में हम  भेकासन के बारे में जानेंगे। भेकासन क्या है, भेकासन करने का सही तरीका, भेकासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। और साथ में हम योग करने के नियम, योग के प्रमुख उद्देश्य और योग का हमारे जीवन में क्या महत्व हैं इसके बारे में भी जानेंगे।

    भेकासन का शाब्दिक अर्थ।

    • भेकासन दो शब्दों से मिलकर बना है भेक+आसन जिसमें पहला शब्द “भेक” का अर्थ “मेंढक” होता है और दूसरा शब्द “आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”। इस आसन को भी करने पर व्‍यक्ति का शरीर मेंढक जैसी आकृति का दिखाई पड़ता है । इसलिए इसे भेकासन कहते हैं।

    भेकासन करने का सही तरीका।

    भेकासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं।
    • अब चित्र अनुसार दोनों पैरों के घुटनों को ऊपर की ओर मोड़े और दोनों पैरों की एड़ियो को नितंबों के पास ले आए।
    • इसके पश्चात चित्र अनुसार दोनों हाथों से दोनों पैरों के पंजों को पकड़ कर नीचे की तरफ लगाए और आगे से सिर एवं छाती (chest area) को ऊपर की ओर उठाएं।
    • जल्दबाजी न करें, इस आसन को बहुत ही आराम से करें।
    • अब गहरी सांसें लेना शुरू करें।
    • इसी मुद्रा में 45-60 सेकेंड तक रुके रहें।
    • इसके बाद बहुत ही आराम से शरीर को ढीला छोड़ना शुरू करें।
    • इसके पश्चात पेट के बल लेट कर शवासन करें। शवासन करने से अभ्यास क्रिया में आया हुआ किसी भी प्रकार का तनाव दूर होकर प्रसन्नता का एहसास होता है।
    • जब श्वास की गति सामान्य हो जाएं तो इस आसन का अभ्यास 2-3 बार और करें।

    भेकासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    भेकासन करने के फायदे।

    भेकासन

    भेकासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे :-

    • इस का अभ्यास करने से हाथों, पैरों, कंधों व छाती की मांशपेशियों में खिचाव होता है और उनमे ताकत आती है।
    • पूरी टांगो में गहरा खिंचाव (डीप स्ट्रेच) होता है।
    • इस का नियमित अभ्यास करने से शरीर के निचले हिस्से को गहरा खिंचाव मिलता है। इस खिंचाव का विस्तार हिप्स से लेकर पैरों की अंगुलियों तक होता है।
    • क्वाड्रिसेप्स (चतुशिरस्क, चार सिरों वाली पेशि) को सख्त करता है।
    • इसके अभ्यास के दौरान क्वाड्रिसेप्स (चतुशिरस्क, चार सिरों वाली पेशि) और ऊपरी जांघों पर गहरा खिंचाव (डीप स्ट्रेच) आता है। इस खिंचाव से ये मांसपेशि न सिर्फ खुल जाती हैं बल्कि मजबूत होने के साथ ही सख्त भी होने लगती हैं। अगर आप मजबूत टांगें चाहते हैं तो भेकासन का नियमित अभ्यास करें।
    • इसका अभ्यास फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर सांस की गति को संतुलित रखता है। भेकासन के अभ्यास में शरीर को पीछे की तरफ मोड़ा जाता है। जिससे प्रेशर सीने के ऊपरी हिस्से पर पड़ता इससे सीने की मांसपेशियों के काम करने की क्षमता बढ़ती है। और सांस लेने की क्षमता में सुधार आता है।
    • इस आसन के अभ्यास से किडनी के ऊपर स्थित एड्रेनल ग्लैंड नामक ग्रंथि सक्रिय हो जाती है। ये ग्रंथियां उस वक्त हमारे काफी काम आती हैं जब कभी हमें अचानक ही बहुत ज्यादा मेहनत वाला काम करने की जरूरत पड़ती है।
    • पाचन तंत्र को बेहतर बनाता
      इसका अभ्यास करने से लोअर एब्डोमेन में गहरा खिंचाव आता है जिससे पेट के भीतरी अंग अच्छी तरह काम करते हैं। इससे पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही हमारे जनानांग भी सक्रिय होने लगते हैं और शरीर में हार्मोन का स्तर भी संतुलित होने लगता है।
    • इस आसन से अग्नाशय की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है।
    • मधुमेह रोग के लिए यह आसन लाभदायक है।

    सावधानियां।

    • गर्भवती महिलाएँ न करें।
    • पेट से संबंधित कोई बीमारी, तीव्र कमर दर्द, घुटने से जुड़ी समस्या होने पर भी भेकासन न करें।
    • अपनी क्षमता से अधिक देर तक या ज़बर्दस्ती न बैठें। एवं घुटने जमीन पर जोर से न दबाएं अन्यथा टखने के टिश्यू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
    • अगर आप के घुटनों में दर्द हें तो पहले पवनमुक्तासन संबंधी क्रियाओं को करें।
    • शुरुआत मे इस आसन का अभ्यास किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना ना करें।

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    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। जीवन में योग बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी असंतुलित जीवनशैली को संतुलित रखने और शरीर को स्वस्थ एवं fit रखने के लिए योग आसनों का अभ्यास करना चाहिए। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें।

    भेकासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQ

    Ques 1. भेकासन क्या है और फायदे?
    Ans. भेकासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे :-

    • इसका अभ्यास करने से हाथों, पैरों, कंधों व छाती की मांशपेशियों में खिचाव होता है और उनमे ताकत आती है।
    • पूरी टांगो में गहरा खिंचाव (डीप स्ट्रेच) होता है।
    • इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर के निचले हिस्से को गहरा खिंचाव मिलता है। इस खिंचाव का विस्तार हिप्स से लेकर पैरों की अंगुलियों तक होता है।
    • क्वाड्रिसेप्स (चतुशिरस्क, चार सिरों वाली पेशि) को सख्त करता है।
    • इसके अभ्यास के दौरान क्वाड्रिसेप्स (चतुशिरस्क, चार सिरों वाली पेशि) और ऊपरी जांघों पर गहरा खिंचाव (डीप स्ट्रेच) आता है। इस खिंचाव से ये मांसपेशि न सिर्फ खुल जाती हैं बल्कि मजबूत होने के साथ ही सख्त भी होने लगती हैं। अगर आप मजबूत टांगें चाहते हैं तो भेकासन का नियमित अभ्यास करें।
    • इसका अभ्यास फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर सांस की गति को संतुलित रखता है। भेकासन के अभ्यास में शरीर को पीछे की तरफ मोड़ा जाता है। जिससे प्रेशर सीने के ऊपरी हिस्से पर पड़ता इससे सीने की मांसपेशियों के काम करने की क्षमता बढ़ती है। और सांस लेने की क्षमता में सुधार आता है।
    • इसके अभ्यास से किडनी के ऊपर स्थित एड्रेनल ग्लैंड नामक ग्रंथि सक्रिय हो जाती है। ये ग्रंथियां उस वक्त हमारे काफी काम आती हैं जब कभी हमें अचानक ही बहुत ज्यादा मेहनत वाला काम करने की जरूरत पड़ती है।
    • पाचन तंत्र को बेहतर बनाता
      इसका का अभ्यास करने से लोअर एब्डोमेन में गहरा खिंचाव आता है जिससे पेट के भीतरी अंग अच्छी तरह काम करते हैं। इससे पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही हमारे जनानांग भी सक्रिय होने लगते हैं और शरीर में हार्मोन का स्तर भी संतुलित होने लगता है।
    • इस आसन से अग्नाशय की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है।
    • मधुमेह रोग के लिए यह आसन लाभदायक है।

    Ques 2. भेकासन करने की विधि?

    Ans. भेकासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं।
    • अब चित्र अनुसार दोनों पैरों के घुटनों को ऊपर की ओर मोड़े और दोनों पैरों की एड़ियो को नितंबों के पास ले आए।
    • इसके पश्चात चित्र अनुसार दोनों हाथों से दोनों पैरों के पंजों को पकड़ कर नीचे की तरफ लगाए और आगे से सिर एवं छाती (chest area) को ऊपर की ओर उठाएं।
    • जल्दबाजी न करें, इस आसन को बहुत ही आराम से करें।
    • अब गहरी सांसें लेना शुरू करें।
    • इसी मुद्रा में 45-60 सेकेंड तक रुके रहें।
    • इसके बाद बहुत ही आराम से शरीर को ढीला छोड़ना शुरू करें।
    • इसके पश्चात पेट के बल लेट कर शवासन करें। शवासन करने से अभ्यास क्रिया में आया हुआ किसी भी प्रकार का तनाव दूर होकर प्रसन्नता का एहसास होता है।
    • जब श्वास की गति सामान्य हो जाएं तो इस आसन का अभ्यास 2-3 बार और करें।

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