हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम सालम्ब शीर्षासन के बारे में जानकारी देंगे।
महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने योग को हजारों साल की कठिन तपस्या के बाद निर्मित किया है। आज शरीर और मन की ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका हल योग के पास न हो। इस ज्ञान को अब वैज्ञानिक मान्यता भी मिल चुकी है। भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन सालम्ब शीर्षासन हैं। सालम्ब शीर्षासन शीर्षासन का ही एक रूप है।
यह भी सिर, कंधा तथा गर्दन के बल किए जाने वाले आसन में एक योगासन है। सिर, कंधा तथा गर्दन के बल किए जाने वाले आसन से मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ जाता है, जिससे सिर को संपूर्ण पोषण मिलता है। हमारे पूरे शरीर में रक्त संचार तीव्र हो जाता है। पीयूष ग्रंथि की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। अतः हमारे सोचने-समझने की शक्ति का विकास होता है। हमारे मानसिक रोग, बाल झड़ते, चेहरे की सुंदरता या हम कह सकते हैं कि सिर, कंधे के बल किए जाने वाले आसन कायाकल्प का काम करते हैं।
इस आसन को करने की विधि, ध्यान व सावधानियाँ शीर्षासन के सामान्य ही है। परंतु इसमें हाथों की स्थिति थोड़ी बदल जाती है। इसलिए इस आसन के अभ्यास से शीर्षासन के सभी लाभ मिलते हैं।
इसलिए, इस लेख में हम सालम्ब शीर्षासन के बारे में जानेंगे। सालम्ब शीर्षासन क्या है, सालम्ब शीर्षासन करने का सही तरीका, सालम्ब शीर्षासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
सालम्ब शीर्षासन का शाब्दिक अर्थ।
- सालम्ब शीर्षासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। जिसमें सालंब का अर्थ आधार सहित एवं शीर्ष का अर्थ सिर का अग्रभाग है। यानी किसी आधार का अवलंबन लेकर शीर्षासन करना।
सालम्ब शीर्षासन करने का सही तरीका।
सालम्ब शीर्षासन करने की विधि।
विधि।
- इस आसन की विधि भी शीर्षासन जैसी ही है।
- परंतु इस आसन में हाथों की स्थिति थोड़ी बदल जाती है।
- इसमें हथेलियों को ज़मीन से स्पर्श कराते हुए अवलंबन लिया जाता है।
- शेष इस आसन की विधि, ध्यान व सावधानियाँ शीर्षासन जैसी ही हैं। और अधिक जानने के लिए शीर्षासन को देखें।
- इसी अवस्था में हाथों के बल पूरे शरीर को ऊपर उठा दें तो उसे वृक्षासन भी कहते हैं।
सालम्ब शीर्षासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
सालम्ब शीर्षासन करने के फायदे।
सालम्ब शीर्षासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- वे सभी लाभ मिलते हैं जो शीर्षासन का अभ्यास करने से प्राप्त होते हैं।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
सालम्ब शीर्षासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. सालम्ब शीर्षासन करने की विधि?
Ans. सलम्बा शीर्षासन करने की विधि।
- इस आसन की विधि भी शीर्षासन जैसी ही है।
- परंतु इस आसन में हाथों की स्थिति थोड़ी बदल जाती है।
- इसमें हथेलियों को ज़मीन से स्पर्श कराते हुए अवलंबन लिया जाता है।
- शेष इस आसन की विधि, ध्यान व सावधानियाँ शीर्षासन जैसी ही हैं। और अधिक जानने के लिए शीर्षासन को देखें।
- इसी अवस्था में हाथों के बल पूरे शरीर को ऊपर उठा दें तो उसे वृक्षासन भी कहते हैं।