हमें स्पष्ट रूप से यह जान लेना चाहिए कि कोई भी कार्य तुरंत नहीं होता। इसके लिए अभ्यास आवश्यक है। चाहे वह योगासन हो या कोई दूसरा अभ्यास हो। जब हम सुबह सो कर उठते हैं तो हमारा शरीर कड़ा (जकड़ा) रहता है, इसलिए योग आसनों का अभ्यास छोड़ा मुश्किल होता है। योगासनों को आसानी से करने के लिए हमें अपने शरीर को लचीला बनाने के लिए कुछ छोटे-छोटे व्यायाम करना चाहिए। जिन्हें हम सूक्ष्म व्यायाम कहते हैं। योगाचार्यों का कहना है कि सूक्ष्म व्यायाम सूक्ष्मप्राणों को नियमित रूप से विकसित करता है और शरीर को संतुलित करता है।
चूँकि लगभग ये सभी आसन गतिमय वायुनिरोधक (पवनमुक्तासन) एवं शक्तिबंध समूह के अंतर्गत आते हैं इसीलिए हमने इनको अलग से परिभाषित ना सुक्ष्म व्यायाम में ही सम्मिलित किया है। साधकगण इनका प्रयोग कर क्रमशः लाभ उठाएँ।
सूक्ष्म व्यायाम करने के लिए इन वीडियो की सहायता लें।