हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम हस्त पादासन के बारे में जानकारी देंगे। इस आसन को एक अन्य नाम पाद हस्तासन से भी जाना जाता है।
आज के समय में गलत खान-पान और असंतुलित जीवनशैली के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। गलत खानपान के कारण डाइजेस्टिव सिस्टम की समस्या होना और अनेक से शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में योग मानव शरीर की हर जरूरत का ध्यान रखता है। योग न सिर्फ मनुष्य की शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है बल्कि मन को भी स्वस्थ बनाता है।
योग विज्ञान के महान गुरुओं एवं योगाचार्य तथा योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की ओर से ये मानव जाति को दिया गया वरदान है। इसी वरदान के प्रभाव से भारत के लोग हजारों सालों से न सिर्फ स्वस्थ रहे हैं। बल्कि दुनिया को भी स्वस्थ रहने का संदेश देते आए हैं। ये योग आसन पूरे शरीर को अच्छी खिंचाव देता है और दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति (supply) बढ़ाने में भी मदद करता है। और ये आसन सूर्य नमस्कार योग के 12 आसनों में से एक है।
भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन हस्त पादासन हैं।
इसलिए, इस लेख में हम हस्त पादासन के बारे में जानेंगे। हस्त पादासन क्या है, हस्त पादासन करने का सही तरीका, हस्त पादासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
हस्त पादासन का शाब्दिक अर्थ।
- हस्त पादासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। हस्त पादासन संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त+पाद+आसन जिसमें पहला शब्द “हस्त” का अर्थ “हाथ” से है। दुसरा शब्द “पाद” का अर्थ “पैर” से है। और तीसरा शब्द “आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”।अपने ही हाथों के पंजों के ऊपर पैर रखकर खड़े होना। इसे अंग्रेजी में “Hand To Foot Pose” के नाम से जाना जाता है।
हस्त पादासन करने का सही तरीका।
हस्त पादासन करने की विधि।
विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर ताड़ासन की स्थिति में खड़े हों जाएं।
- अब पैरों के पंजों के बीच की दुरी 0.5-1.0 फ़ीट तक रखें।
- अब चित्रानुसार श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ़ झुकें एवं दोनों हाथों की हथेलियों को पैरों के तलवों के नीचे लगाएँ।
- इस दौरान घुटने नहीं मुड़ने चाहिए। घुटने एक दम सीधे रखें।
- अपने सिर को झुकाते हुए घुटनों के बीच रखिए।
- पादांगुष्ठासन (प्रथम प्रकार) और उत्तानासन (प्रथम प्रकार) इस आसन से काफी समानता रखते हैं।
ध्यान।
- इस आसन का अभ्यास करते समय मूलाधार एवं स्वाधिष्ठान चक्र पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
श्वासक्रम/समय।
श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ़ झुकें। 5 से 10 सेकंड तक रुकें। स्वाभाविक रूप से श्वास-प्रश्वास करें। श्वास लेते हुए सिर उठाएँ और वापस पूर्व स्थिति में आ जाएँ।
हस्त पादासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
हस्त पादासन करने के फायदे।
हस्त पादासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- पेट में गैस भरी रहना या पेट में गैस बनना, गैस सिर में चढ़ने या पेट फूलने जैसी बीमारियों में यह आसन बहुत ही लाभदायक है।
- पश्चिमोत्तानासन के सभी लाभ इससे प्राप्त होते हैं।
- इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करने से मोटापा घटता है। और अनावश्यक चर्बी कम होती है।
- बालों का झड़ना बंद होता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- चेहरे में निखार आता है।
- इस आसन के अभ्यास से पैरों एवं कमर की मांसपेशियों में खिंचाव लगता हैं। जिससे यह मांसपेशियां मजबूत बनती है।
सावधानियां।
- उच्च रक्तचाप, कमर दर्द, हृदय रोग एवं जिन्हें लोगों को चक्कर आते हो, वे इस आसन का अभ्यास ध्यान पूर्वक करें।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
हस्त पादासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. हस्त पादासन करने की विधि?
Ans. हस्त पादासन करने की विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर ताड़ासन की स्थिति में खड़े हों जाएं।
- अब पैरों के पंजों के बीच की दुरी 0.5-1.0 फ़ीट तक रखें।
- अब चित्रानुसार श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ़ झुकें एवं दोनों हाथों की हथेलियों को पैरों के तलवों के नीचे लगाएँ।
- इस दौरान घुटने नहीं मुड़ने चाहिए। घुटने एक दम सीधे रखें।
- अपने सिर को झुकाते हुए घुटनों के बीच रखिए।
- पादांगुष्ठासन (प्रथम प्रकार) और उत्तानासन (प्रथम प्रकार) इस आसन से काफी समानता रखते हैं।
Ques 2. हस्त पादासन करने के क्या फायदे है?
Ans. हस्त पादासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- पेट में गैस भरी रहना या पेट में गैस बनना, गैस सिर में चढ़ने या पेट फूलने जैसी बीमारियों में यह आसन बहुत ही लाभदायक है।
- पश्चिमोत्तानासन के सभी लाभ इससे प्राप्त होते हैं।
- इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करने से मोटापा घटता है। और अनावश्यक चर्बी कम होती है।
- बालों का झड़ना बंद होता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- चेहरे में निखार आता है।
- इस आसन के अभ्यास से पैरों एवं कमर की मांसपेशियों में खिंचाव लगता हैं। जिससे यह मांसपेशियां मजबूत बनती है।