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    तुलासन करने का तरीका और 10 फायदे – Method and benefits of Tulasana in Hindi

    तुलासन
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    योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है। भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन तुलासन हैं। 

    इसलिए, इस लेख में हम  तुलासन के बारे में जानेंगे। तुलासन क्या है, तुलासन करने का सही तरीका, तुलासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

    तुलासन का शाब्दिक अर्थ।

    • तुलासन दो शब्दों से मिलकर बना है तुला+आसन। जिसमें पहला शब्द “तुला” का अर्थ “तराजू” से है। और दूसरा शब्द “आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”।   इस आसन को झूलासन/उत्थित पद्मासन (प्रथम प्रकार) के नाम से भी जाना जाता हैं।

    तुलासन करने का सही तरीका।

    तुलासन करने की विधि।

    तुलासन

    विधि।

    • सर्वप्रथम पद्मासन में बैठें जाएं। 
    • अब दोनों हाथों की हथेलियों को दोनों जाँघों के अगल-बगल में ज़मीन पर रखें।
    • अब श्वास लेते हुए दोनों हाथों पर वज़न देकर शरीर को ऊपर उठा लें। 
    • जब तक संभव हो संतुलन बनाकर रखें।
    • चाहे तो झूले की भाँति धीरे-धीरे आगे-पीछे झूलें। 
    • वापस मूल अवस्था में आते समय श्वास छोड़ें।
    • अब यही क्रिया पैरों की स्थिति बदलकर पुनः दोहराएं।
    • कुछ योगाचार्य इस आसन को लोलासन भी कहते हैं

    ध्यान।

    • इस आसन को करते समय अपना ध्यान मूलाधार चक्र पर केंद्रित करें।

    श्वास का क्रम।

    • श्वास का क्रम ऊपर विधि में बताया गया है

    समय।

    • इस आसन के अभ्यास के दौरान 1-3 मिनट तक इसी मुद्रा में रूके।

    तुलासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    तुलासन करने के फायदे।

    तुलासन

    तुलासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे। 

     

    • तुलासन का अभ्यास करते समय शरीर का सारा भार हाथों पर होता है। जिससे हाथों (कलाईयों, बाजुओं) और कंधों की मांसपेशियां मजबूत व सख्त बनती है तथा शारीरिक शक्ति का विकास होता है।
    • हाथों की ब्रोचियोरैडियलिस (Brachioradialis) मांसपेशी को टोन करता है।
    • छाती को पुष्ट बनाता है।
    • पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है। तथा पेट फूलना, गैस बनना जैसी आदि समस्याओं को दूर करता है। उदर की दीवारों को पुष्ट बनाता है। कोर तथा पेट की मांसपेशियां सख्त बनती हैं और तुलासन six pack abs बनाने में मदद करता है। 

    कोर मांसपेशियों :- कोर शरीर का powerhouse है। कोर की मांसपेशियों में पेट की मांसपेशियां, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां (lower back muscles), आपके ग्लूट्स (glutes) और यहां तक कि आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां (pelvic floor muscles) भी शामिल हैं।

    पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां :- पेल्विक फ्लोर उन सभी मांसपेशियों का समूह है। जो मूत्राशय (Urinary Bladder), गर्भाशय (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), योनि (Vagina), मलाशय (rectum), और गुदा (anus) से जुड़ी रहती हैं। 

    • शरीर में चेतना और शारीरिक-मानसिक संतुलन का विकास करता है।
    • उड्डियान बंध योगासन के साथ तुलासन का नियमित अभ्यास करने से इरादे मजबूत होते हैं।

    सावधानियां।

    • अगर हाथों पर गहरी चोट लगी हो तो इस आसन का अभ्यास न करें।
    • इस आसन के अभ्यास के दौरान मणिबंध पर अधिक ज़ोर पड़ता है। अतः कमज़ोर मणिबंध वाले ध्यान पूर्वक अभ्यास करें।

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    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

    तुलासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

     

    FAQs 

     

    Ques 1. तुलासन करने की विधि?

    Ans. तुलासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम पद्मासन में बैठें जाएं। 
    • अब दोनों हाथों की हथेलियों को दोनों जाँघों के अगल-बगल में ज़मीन पर रखें।
    • अब श्वास लेते हुए दोनों हाथों पर वज़न देकर शरीर को ऊपर उठा लें। 
    • जब तक संभव हो संतुलन बनाकर रखें।
    • चाहे तो झूले की भाँति धीरे-धीरे आगे-पीछे झूलें। 
    • वापस मूल अवस्था में आते समय श्वास छोड़ें।
    • अब यही क्रिया पैरों की स्थिति बदलकर पुनः दोहराएं।
    • कुछ योगाचार्य इस आसन को लोलासन भी कहते हैं

     

    Ques 2. तुलासन करने के क्या फायदे  है?

    Ans. तुलासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे। 

    • तुलासन का अभ्यास करते समय शरीर का सारा भार हाथों पर होता है। जिससे हाथों (कलाईयों, बाजुओं) और कंधों की मांसपेशियां मजबूत व सख्त बनती है तथा शारीरिक शक्ति का विकास होता है।
    • हाथों की ब्रोचियोरैडियलिस (Brachioradialis) मांसपेशी को टोन करता है।
    • छाती को पुष्ट बनाता है।
    • पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है। तथा पेट फूलना, गैस बनना जैसी आदि समस्याओं को दूर करता है। उदर की दीवारों को पुष्ट बनाता है। कोर तथा पेट की मांसपेशियां सख्त बनती हैं और तुलासन six pack abs बनाने में मदद करता है। 

    कोर मांसपेशियों :- कोर शरीर का powerhouse है। कोर की मांसपेशियों में पेट की मांसपेशियां, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां (lower back muscles), आपके ग्लूट्स (glutes) और यहां तक कि आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां (pelvic floor muscles) भी शामिल हैं।

    पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां :- पेल्विक फ्लोर उन सभी मांसपेशियों का समूह है। जो मूत्राशय (Urinary Bladder), गर्भाशय (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), योनि (Vagina), मलाशय (rectum), और गुदा (anus) से जुड़ी रहती हैं। 

    • शरीर में चेतना और शारीरिक-मानसिक संतुलन का विकास करता है।
    • उड्डियान बंध योगासन के साथ तुलासन का नियमित अभ्यास करने से इरादे मजबूत होते हैं।

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