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    ऊर्ध्व पद्मासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Urdhva Padmasana in hindi.1

    ऊर्ध्व पद्मासन
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    भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन ऊर्ध्व पद्मासन हैं। 

    ऊर्ध्व पद्मासन एक जटिल योग मुद्रा है। और लगातार प्रयास करके ही इस योग मुद्रा पर कुशलता पाई जा सकती है। इस आसन के अभ्यास के लिए शारीरिक बल, संतुलन एवं बुद्धि तीनों की आवश्यकता होती है। जिससे की अभ्यासकर्ता के शरीर में शारीरिक बल, संतुलन एवं बुद्धि तीनों का विकास होता है।  और लगातार प्रयास करके ही इस योग मुद्रा पर कुशलता पाई जा सकती है। नय साधको को इस आसन का अभ्यास करने की सलाह नहीं दी जाती है,  क्योंकि सही तकनीक का पालन न करने पर अभ्यासकर्ता को चोट लग सकती है। इस जटिल योग प्रक्रिया से अनेक शारीरिक व मानसिक लाभ मिलते हैं। 

    इसलिए, इस लेख में हम  ऊर्ध्व पद्मासन के बारे में जानेंगे। ऊर्ध्व पद्मासन क्या है, ऊर्ध्व पद्मासन करने का सही तरीका, ऊर्ध्व पद्मासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

    ऊर्ध्व पद्मासन का शाब्दिक अर्थ।

    • ऊर्ध्व पद्मासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। यह संस्कृत के तीन शब्दों उर्ध्व, पद्म और आसन से मिलकर बना है। जिसमें उर्ध्व का अर्थ “ऊपर की ओर” पद्म का अर्थ “कमल” है। आसन जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”। और अंग्रेजी में इसे “Inverted Lotus Pose” के नाम से जाना जाता है।

    ऊर्ध्व पद्मासन करने का सही तरीका।

    ऊर्ध्व पद्मासन करने की विधि।

    ऊर्ध्व पद्मासन

    विधि।

    • यह आसन दो प्रकार से कर सकते हैं। 
    • प्रथम विधि तो यह कि साधक शीर्षासन की अवस्था में रहकर पद्मासन लगाएँ।
    • दूसरी विधि यह है कि पद्मासन लगाकर बैठ जाएँ। 
    • अब सिर को सामने की तरफ़ झुकाते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाएँ। 
    • अब दोनों हाथों से ज़मीन का सहारा लें। 
    • अब सिर के कपाल भाग को अपने आसन पर रखें एवं पद्मासन सहित नितम्बों को ज़ोर देकर ऊपर उठाएँ। 
    • यह मुद्रा पद्मासन युक्त शीर्षासन / शीर्षपद्मासन/  ऊर्ध्वपद्मासन कहलाती है।
    • शीर्षासन में परिपक्व हो जाने के बाद ही ये आसन करें। शेष विधि शीर्षासन जैसी है। और अधिक जानने के लिए शीर्षासन को देखें। 

    ऊर्ध्व पद्मासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    ऊर्ध्व पद्मासन करने के फायदे।

    ऊर्ध्व पद्मासन

    ऊर्ध्व पद्मासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • वे सभी लाभ मिलते हैं जो शीर्षासन का अभ्यास करने से प्राप्त होते हैं।

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    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

    ऊर्ध्व पद्मासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

     

    FAQs

     

    Ques 1. ऊर्ध्व पद्मासन करने की विधि?

    Ans. ऊर्ध्व पद्मासन करने की विधि।

    • यह आसन दो प्रकार से कर सकते हैं। 
    • प्रथम विधि तो यह कि साधक शीर्षासन की अवस्था में रहकर पद्मासन लगाएँ।
    • दूसरी विधि यह है कि पद्मासन लगाकर बैठ जाएँ। 
    • अब सिर को सामने की तरफ़ झुकाते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाएँ। 
    • अब दोनों हाथों से ज़मीन का सहारा लें। 
    • अब सिर के कपाल भाग को अपने आसन पर रखें एवं पद्मासन सहित नितम्बों को ज़ोर देकर ऊपर उठाएँ। 
    • यह मुद्रा पद्मासन युक्त शीर्षासन/शीर्षपद्मासन/ऊर्ध्वपद्मासन कहलाती है।
    • शीर्षासन में परिपक्व हो जाने के बाद ही ये आसन करें। शेष विधि शीर्षासन जैसी है। और अधिक जानने के लिए शीर्षासन को देखें। 

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