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    उद्गीथ प्राणायाम करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Udgeeth Pranayama in Hindi.1

    उद्गीथ प्राणायाम
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    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम उद्गीथ प्राणायाम पर चर्चा करेंगे। 

    उद्गीथ प्राणायाम इस प्राणायाम का एक अनेय नाम भी है “ओंकार जाप” अर्थात् ॐ का उच्चारण करना। इस प्राणायाम के अभ्यास के दौरान ॐ का उच्चारण किया जाता है।  प्रतिदिन ॐ का जाप करने से नकारात्मकता प्रवेश नहीं करती है। चेहरे की चमक और आंखों की चमक बढ़ती है। प्रतिदिन ध्यानपूर्वक ॐ का जाप करने से गले से संबंधित सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं, अनंत जन्मों के कर्मों का नाश होता है और व्यक्ति इस जन्म को सफल बनाकर निर्वाण के मार्ग की ओर बढ़ता है।

    इस लेख में उद्गीथ प्राणायाम के आसन को करने का तरीका और इस आसन के अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि उद्गीथ प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें।

    उद्गीथ प्राणायाम करने का सही तरीका।

    उद्गीथ प्राणायाम करने की विधि।

    उद्गीथ प्राणायाम

    विधि।

    • इस आसन कि अभ्यास करने की विधि सबसे आसान है।
    • सर्वप्रथम किसी एक ध्यान मुद्रा में बैठें और अपनी आँखें बंद कर लें। 
    • गहरी सांस लें और एक लय के साथ ध्वनिपूर्वक ॐ का उच्चारण करें।
    • इसका अभ्यास 5-11 बार करें।

    दिशा।

    • आध्यात्मिक लाभ हेतु अभ्यास के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर कि और रखें। और पूर्व या उत्तर दिशा मुख करके अभ्यास करने से विशेष एवं जल्दी लाभ प्राप्त होते हैं।

    उद्गीथ प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    उद्गीथ प्राणायाम करने के फायदे।

    उद्गीथ प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास शारीरिक, मानसिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
    • ॐ उच्चारण के साथ अभ्यास करने से मन शांत एवं स्थिर हो जाता है। आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। 
    • प्रतिदिन ॐ का जाप करने से नकारात्मकता प्रवेश नहीं करती है। चेहरे का तेज एवं आँखों की चमक बढ़ती है।
    • इससे मानसिक विकार दूर होते हैं। 
    • प्रतिदिन ध्यानपूर्वक ॐ का जाप करने से गले से संबंधित सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं, आवाज सुधरती है और खुशी,आनंद का एहसास होता है। 
    • अनिद्रा, बुरे सपनों से छुटकारा मिलता है। 
    • इस आसन के अभ्यास से अनेक लाभ स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं। 
    • दमा (Asthma) ठीक हो जाता है

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    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

    उद्गीथ प्राणायाम, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQs

    Ques 1. उद्गीथ प्राणायाम करने की विधि?

    Ans. उद्गीथ प्राणायाम करने की विधि।

    • इस आसन कि अभ्यास करने की विधि सबसे आसान है।
    • सर्वप्रथम किसी एक ध्यान मुद्रा में बैठें और अपनी आँखें बंद कर लें। 
    • गहरी सांस लें और एक लय के साथ ध्वनिपूर्वक ॐ का उच्चारण करें।
    • इसका अभ्यास 5-11 बार करें।

    Ques 2. उद्गीथ प्राणायाम करने के क्या फायदे  है?

    Ans. उद्गीथ प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास शारीरिक, मानसिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
    • ॐ उच्चारण के साथ अभ्यास करने से मन शांत एवं स्थिर हो जाता है। आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। 
    • प्रतिदिन ॐ का जाप करने से नकारात्मकता प्रवेश नहीं करती है। चेहरे का तेज एवं आँखों की चमक बढ़ती है।
    • इससे मानसिक विकार दूर होते हैं। 
    • प्रतिदिन ध्यानपूर्वक ॐ का जाप करने से गले से संबंधित सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं, आवाज सुधरती है और खुशी,आनंद का एहसास होता है। 
    • अनिद्रा, बुरे सपनों से छुटकारा मिलता है। 
    • इस आसन के अभ्यास से अनेक लाभ स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं। 
    • दमा (Asthma) ठीक हो जाता है।
    2 thoughts on “उद्गीथ प्राणायाम करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Udgeeth Pranayama in Hindi.1”

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