• Thu. Oct 17th, 2024

    INDIA TODAY ONE

    Knowledge

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां।1

    अर्धबद्ध पद्मोत्तानासन
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन के बारे में जानेंगे। अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन क्या है, अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने का सही तरीका, अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

    यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। इस लिए इस आसन के अभ्यास संतुलन शक्ति बढ़ती है। यह आसन उदर प्रदेश के आंतरिक अंगों की शिथिलता को दूर करता है। उदर के अंगो को उद्दीप्त कर पाचन तंत्र (Digestive System) को मज़बूत करता है।कब्ज या अपच जैसी पेट से जुड़ी समस्यायों को दूर कर शरीर और मन में हल्कापन लाता है।इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरो का कंपन दूर होता है। और पैरों को मज़बूत बनाता है।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने का सही तरीका।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने की विधि।

    अर्धबद्ध पद्मोत्तानासन

    विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर दोनों पैर के पंजो को एक साथ स्थित कर एक दम सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं।
    • और दृष्टि सामने रखें। अब अपने बाएँ पैर पर सन्तुलन बनाते हुए अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के पंजे को बायीं जंघा पर ऊपर
    • की तरफ़ अर्ध पद्मासन की स्थिति में हाथों का सहारा लेकर रखें। अब इस अवस्था में हाथों की स्थिति दो प्रकार से कर सकते है। पहली दोनों हाथों को ऊपर की तरफ़ करें और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें। दुसरी दाहिने हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर दाहिने पैर के पंजे या अंगूठे को पकड़े।
    • अब धीरे-धीरे सामने की तरफ़ झुकें और हाथों को ज़मीन पर तथा नाक को घुटने से स्पर्श कराएँ।
    • अब अपनी क्षमता अनुसार इस मुद्रा में रुकें और मूल अवस्था में वापस आ जाएँ।
    • हाथों की स्थिति सामान्य करें। दोनों पैरों को जमाकर शिथिल करें। खड़े रहने के स्थिति में विश्राम के बाद पैरों की स्थिति बदलकर यह क्रिया वापस दोहराएँ।

    श्वास का क्रम।

    • इस आसन के अभ्यास के दौरान सामने झुकते समय श्वास छोड़ें।
    • अंतिम अवस्था में सामान्य रूप श्वास-प्रश्वास करें।
    • पुनः मूल अवस्था में लौटते समय श्वास लें।

    समय।

    • अंतिम अवस्था में 10-15 सेकण्ड या अपनी क्षमता अनुसार रुके और 2 चक्र पूरे करें।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने के फायदे।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • यह उदर प्रदेश के आंतरिक अंगों की शिथिलता को दूर करता है। उदर के अंगो को उद्दीप्त कर पाचन तंत्र (Digestive System) को मज़बूत करता है।
    • पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है।
    • कब्ज या अपच जैसी पेट से जुड़ी समस्यायों को दूर कर शरीर और मन में हल्कापन लाता है।
    • इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरो का कंपन दूर होता है। और पैरों को मज़बूत बनाता है।
    • यह आसन वायु नाशक है।
    • शरीर के ऊर्ध्व अंग को भी बल मिलता है।

    सावधानियां।

    • यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। देखने में सरल किंतु क्रियात्मक रूप से कठिन है। इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देख रेख में और धैर्य पूर्वक करें।
    • गर्भवती स्त्रियाँ (pregnant women), कटिस्नायुशूल (sciatica), स्लिप डिस्क, मेरुदण्ड के जटिल रोग से पीड़ित एवं विचलित मन वाले व्यक्ति इस आसन का अभ्यास न करें।

    👉 यह भी पढ़ें

    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

    अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQs

    Ques 1. अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने की विधि?

    Ans. अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर दोनों पैर के पंजो को एक साथ स्थित कर एक दम सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं।
    • और दृष्टि सामने रखें। अब अपने बाएँ पैर पर सन्तुलन बनाते हुए अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के पंजे को बायीं जंघा पर ऊपर
    • की तरफ़ अर्ध पद्मासन की स्थिति में हाथों का सहारा लेकर रखें। अब इस अवस्था में हाथों की स्थिति दो प्रकार से कर सकते है। पहली दोनों हाथों को ऊपर की तरफ़ करें और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें। दुसरी दाहिने हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर दाहिने पैर के पंजे या अंगूठे को पकड़े।
    • अब धीरे-धीरे सामने की तरफ़ झुकें और हाथों को ज़मीन पर तथा नाक को घुटने से स्पर्श कराएँ।
    • अब अपनी क्षमता अनुसार इस मुद्रा में रुकें और मूल अवस्था में वापस आ जाएँ।
    • हाथों की स्थिति सामान्य करें। दोनों पैरों को जमाकर शिथिल करें। खड़े रहने के स्थिति में विश्राम के बाद पैरों की स्थिति बदलकर यह क्रिया वापस दोहराएँ।

    Ques 2. अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन करने के क्या फायदे है?

    Ans. अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • यह उदर प्रदेश के आंतरिक अंगों की शिथिलता को दूर करता है। उदर के अंगो को उद्दीप्त कर पाचन तंत्र (Digestive System) को मज़बूत करता है।
    • पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है।
    • कब्ज या अपच जैसी पेट से जुड़ी समस्यायों को दूर कर शरीर और मन में हल्कापन लाता है।
    • इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरो का कंपन दूर होता है। और पैरों को मज़बूत बनाता है।
    • यह आसन वायु नाशक है।
    • शरीर के ऊर्ध्व अंग को भी बल मिलता है।

     

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!

    Discover more from INDIA TODAY ONE

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading