• Fri. Oct 18th, 2024

    INDIA TODAY ONE

    Knowledge

    कटि चक्रासन करने की विधि और 15 फायदे – Kati Chakrasana in Hindi

    कटि चक्रासन
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम कटि चक्रासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

    योग आसनों का सुबह-शाम अभ्यास करने से आप शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। आपकी सोचने और समझने की क्षमता में सुधार होता है। योग आसनों के अभ्यास से आपके शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। और अपने आपको तनावमुक्त महसूस कर सकते हैं। नियमित रूप से योग आसनों का अभ्यास करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है और आप दिनभर पूरी एकाग्रता से अपने काम पर बेहतरीन ढंग से ध्यान दे पाते हैं। तथा अपने आप को काफी ऊर्जावान महसूस करते हैं।

    लेकिन आज हम आपको एक ऐसे योग आसन के बारे में बताएंगे। जिसके अभ्यास से आप अपने कमर की चर्बी को  घटा सकते हैं तथा बढ़ते हुए वजन से राहत पा सकते हैं। इस लेख में हम आपको कटि चक्रासन के बारे मैं जानेंगे।

    योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है।

    भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन कटि चक्रासन हैं।

    इसलिए, इस लेख में हम  कटि चक्रासन के बारे में जानेंगे। कटि चक्रासन क्या है, कटि चक्रासन करने का सही तरीका, कटि चक्रासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

    कटि चक्रासन का शाब्दिक अर्थ।

    • कटि संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “कमर”। कटिचक्रासन तीन शब्दों से मिलकर बना है कटि+चक्र+आसन इसमें कटि का अर्थ “कमर”, चक्र का अर्थ “पहिया” और आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”।

    कटि चक्रासन करने का सही तरीका।

    कटि चक्रासन करने की विधि।

    कटि चक्रासन

    विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं।
    • अब दोनों पैरों के बिच 1.5-2 फुट का फांसला (gap) बनाए। इसके पश्चात दोनों हाथों को चित्र अनुसार सामने कि तरफ लाए। और दोनों हथेलियों को आमने-सामने रखें।
    • अब कमर से ऊपर के भाग को दाएँ एवं बाएँ क्रमशः 10-10 बार घुमाना है। (चित्र अनुसार)
    • कटि चक्रासन करने की अन्य भी विधियां है जिसमें से एक विधि आपको इस आर्टिकल में बताइए है। और अन्य विधि जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को देखें।

    श्वासक्रम।

    • दाएँ मुड़ते समय श्वास लें। मूल स्थिति में आते समय श्वास छोड़ें।
    • बाएँ मुड़ते समय श्वास लें। मूल स्थिति में आते समय श्वास छोड़ें।

    समय।

    • इस आसन की एक तरफ की मुद्रा में 20 sec. से 1 minute तक रुके।

    कटि चक्रासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    कटि चक्रासन करने के फायदे।

    कटि चक्रासनका नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास से ताड़ासन तिर्यक ताड़ासन के सभी लाभ स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं।
    • शंख-प्रक्षालन क्रिया के लिए यह अभ्यास अति उत्तम है।
    • पेट की स्थूलता कम होती है।
    • उदर-विकार (Abdominal disorder) का नाश होता है। अर्थात् पाचन तंत्र (Digesting System) से सम्बंधित समस्याएं समाप्त होती हैं और पाचन तंत्र में सुधार होता है तथा पाचन शक्ति बढ़ती हैं।
    • शौच की कठिनता समाप्त होती है। अर्थात् शौचालय सम्बंधित समस्याएं समाप्त होती हैं।
    • इस आसन के प्रतिदिन अभ्यास से कमर पतली व लचीली बनती है। और कमर की चर्बी को घटाने में मदद मिलती है।
    • बच्चों की ऊंचाई (height) और एकाग्रता बढ़ाने के लिए उत्तम आसान है।

    👉 यह भी पढ़ें

    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

    कटि चक्रासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQs

    Ques 1. कटि चक्रासन करने की विधि?

    Ans. कटि चक्रासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं।
    • अब दोनों पैरों के बिच 1.5-2 फुट का फांसला (gap) बनाए। इसके पश्चात दोनों हाथों को चित्र अनुसार सामने कि तरफ लाए। और दोनों हथेलियों को आमने-सामने रखें।
    • अब कमर से ऊपर के भाग को दाएँ एवं बाएँ क्रमशः 10-10 बार घुमाना है। (चित्र अनुसार)
    • कटि चक्रासन करने की अन्य भी विधियां है जिसमें से एक विधि आपको इस आर्टिकल में बताइए है। और अन्य विधि जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को देखें।

    Ques 2. कटि चक्रासन करने के क्या फायदे  है?

    Ans. कटि चक्रासनका नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास से ताड़ासन व तिर्यक ताड़ासन के सभी लाभ स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं।
    • शंख-प्रक्षालन क्रिया के लिए यह अभ्यास अति उत्तम है।
    • पेट की स्थूलता कम होती है।
    • उदर-विकार (Abdominal disorder) का नाश होता है। अर्थात् पाचन तंत्र (Digesting System) से सम्बंधित समस्याएं समाप्त होती हैं और पाचन तंत्र में सुधार होता है तथा पाचन शक्ति बढ़ती हैं।
    • शौच की कठिनता समाप्त होती है। अर्थात् शौचालय सम्बंधित समस्याएं समाप्त होती हैं।
    • इस आसन के प्रतिदिन अभ्यास से कमर पतली व लचीली बनती है। और कमर की चर्बी को घटाने में मदद मिलती है।
    • बच्चों की ऊंचाई (height) और एकाग्रता बढ़ाने के लिए उत्तम आसान है।
    2 thoughts on “कटि चक्रासन करने की विधि और 15 फायदे – Kati Chakrasana in Hindi”
    1. Hi, I really enjoy your article. Could we continue to communicate about your posts on AOL? I need a specialist in this field to solve a problem I’m having. Perhaps you could be that person. I look forward to speaking with you.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!

    Discover more from INDIA TODAY ONE

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading