हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम पद्म पर्वतासन के बारे में जानेंगे। पद्म पर्वतासन क्या है, पद्म पर्वतासन करने का सही तरीका, पद्म पर्वतासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
पद्म पर्वतासन का शाब्दिक अर्थ।
पद्म पर्वतासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। पद्म पर्वतासन तीन शब्दों से मिलकर बना है।पद्म+पर्वत+आसन जिसमें पद्य (पद्म) का मतलब होता हैं कमल। अर्थात् कमल के फूल के समान आकृति वाला व पर्वत को हम सामान्य भाषा में ‘पहाड़’ भी कहते हैं। और आसन का अर्थ होता है मुद्रा।
पद्म पर्वतासन करने का सही तरीका।
पद्म पर्वतासन करने की विधि।
विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर पद्मासन में बैठ जाएँ।
- अब अपने दोनों हाथों के सहारे आगे की तरफ़ झुकते हुए अपने नितम्बों को उठाइए।(चित्रानुसार)
- अब संतुलन बनाते हुए अपने दोनों घुटनों पर खड़े होने का प्रयत्न कीजिए।
- अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में ले आइए। (चित्रानुसार)
- अभ्यास के दौरान कमर और मेरुदण्ड एक दम सीधा रखें। (चित्रानुसार)
- अब यही क्रम दूसरे पैर से भी दोहराएँ। एवं पैरों को बदलते हुए उतने ही समय के लिए करें जितना समय पहली स्थिति में लिया था।
- इस आसन के अभ्यास के लिए अत्यधिक संतुलन की आवश्यकता पड़ती है। अतः इस आसन के अभ्यास के दौरान किसी दीवार का सहारा लें।
श्वास का क्रम।
- पूर्ण स्थिति में पहुँचने पर श्वास की गति सामान्य रखें। यथाशक्ति करें।
समय।
- अपनी क्षमता अनुसार इस आसन का अभ्यास करे।
पद्म पर्वतासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
पद्म पर्वतासन करने के फायदे।
पद्म पर्वतासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- पद्मासन के सभी लाभ मिलते हैं।
- इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का पूरा वजन दोनों पैरो के घुटनों पर होता है। जिससे घुटने मज़बूत तथा सख़्त बनते है।
- एकाग्रता बढ़ती है।
- मस्तिष्क सम्बंधी दोष दूर होते हैं।
- नाड़ी दोष ठीक करता है।
- यह आसन साधक को संतुलित जीना सिखाता है।
- ऊर्जा (चेतना) ऊर्ध्वमुखी करता है।
सावधानियां।
- अपनी क्षमता से अधिक देर तक या ज़बर्दस्ती न बैठें।
- अगर आप के घुटनों में दर्द हें तो पहले पवनमुक्तासन संबंधी क्रियाओं को करें।
- साइटिका और घुटनों के तीव्र दर्द से पीड़ित व्यक्ति यथासंभव नियमित करें।
- योगाभ्यास करते समय मेरुदण्ड, गर्दन व सिर सीधे रखें।
- पैरों की स्थिति बदलकर अवश्य करें ताकि शरीर के अंगो का विकास समान रूप से हो।
👉 यह भी पढ़ें
- योग क्या हैं – परिभाषा, अर्थ, प्रकार, महत्व, उद्देश्य और इतिहास।
- खाली पेट पानी पीने के 15 फ़ायदे।
- एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए।
सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
पद्म पर्वतासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. पद्म पर्वतासन करने की विधि?
Ans. पद्म पर्वतासन करने की विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर पद्मासन में बैठ जाएँ।
- अब अपने दोनों हाथों के सहारे आगे की तरफ़ झुकते हुए अपने नितम्बों को उठाइए।(चित्रानुसार)
- अब संतुलन बनाते हुए अपने दोनों घुटनों पर खड़े होने का प्रयत्न कीजिए।
- अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में ले आइए। (चित्रानुसार)
- अभ्यास के दौरान कमर और मेरुदण्ड एक दम सीधा रखें। (चित्रानुसार)
- अब यही क्रम दूसरे पैर से भी दोहराएँ। एवं पैरों को बदलते हुए उतने ही समय के लिए करें जितना समय पहली स्थिति में लिया था।
- इस आसन के अभ्यास के लिए अत्यधिक संतुलन की आवश्यकता पड़ती है। अतः इस आसन के अभ्यास के दौरान किसी दीवार का सहारा लें।
Ques 2. पद्म पर्वतासन करने के क्या फायदे है?
Ans. पद्म पर्वतासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- पद्मासन के सभी लाभ मिलते हैं।
- इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का पूरा वजन दोनों पैरो के घुटनों पर होता है। जिससे घुटने मज़बूत तथा सख़्त बनते है।
- एकाग्रता बढ़ती है।
- मस्तिष्क सम्बंधी दोष दूर होते हैं।
- नाड़ी दोष ठीक करता है।
- यह आसन साधक को संतुलित जीना सिखाता है।
- ऊर्जा (चेतना) ऊर्ध्वमुखी करता है।
Very useful website, thank you for sharing this information
Thank you