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    मंडूकासन करने का तरीका और 10 फायदे – Method and benefits of doing Mandukasana in Hindi

    मंडूकासन
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    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम मंडूकासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

    आज-कल के खानपान के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अपनी असंतुलित जीवनशैली को संतुलित रखने और शरीर को स्वस्थ एवं fit रखने के लिए योगाभ्यास करना एक अच्छा विकल्प है। प्रतिदिन योगासनों का अभ्यास करने से हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। योग का नियमित अभ्यास न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। प्रतिदिन योग अभ्यास करने से अनेक गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आज हम इस आर्टिकल में मंडूकासन की बात करेंगे।

    मंडूकासन को अंग्रेजी में ”Frog Pose” भी कहा जाता है। यह आसन करते समय मेंढक जैसी आकृति निर्मित होती है। इसलिए इसे मंडूकासन कहते हैं। मंडूकासन करने से न सिर्फ पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। और यह आसन वजन घटाने में भी काफी मददगार आसन  है।

    योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है।

    भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन मंडूकासन हैं।

    इसलिए, इस लेख में हम  मंडूकासन के बारे में जानेंगे। मंडूकासन क्या है, मंडूकासन करने का सही तरीका, मंडूकासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

    मंडूकासन का शाब्दिक अर्थ।

    • मंडूकासन दो शब्दों से मिलकर बना है मंडूक+आसन जिसमें पहला शब्द “मंडूक” का अर्थ “मेंढक” होता है और दूसरा शब्द “आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”। इस आसन को करने पर व्‍यक्ति का शरीर मेंढक जैसी आकृति का बन जाता है। इसलिए इसे मंडूकासन कहते हैं।

    मंडूकासन करने का सही तरीका।

    मंडूकासन करने की विधि।

    विधि।

    • सर्वप्रथम वज्रासन में बैठें।
    • अब दोनों हाथों की मुट्ठी बनाकर चित्र अनुसार नाभि के पास रखकर पेट की मांसपेशियों को दबाते हुए आगे की तरफ़ झुकें व सामने की तरफ़ देखें।
    • पहले गहरा श्वास लेंगे फिर आगे की तरफ झुकते समय धीरे-धीरे श्वास छोड़ेंगे। और मेरुदण्ड और सिर को झुकाते हुए सीधा रखें।
    • पूर्ण स्थिति में आने के बाद श्वास स्वाभाविक गति से चलने दें। 8-10 सेकंड तक इसी स्थिति में रुकें।

    ध्यान।

    • यह आसन करते समय अपना ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र पर केंद्रित करें।

    श्वासक्रम।

    • पहले गहरा श्वास लेंगे फिर आगे की तरफ झुकते समय धीरे-धीरे श्वास छोड़ेंगे।
    • पूर्ण स्थिति में आने के बाद श्वास स्वाभाविक गति से चलने दें।
    • मूल स्थिति में लौटते समय श्वास लें।

    मंडूकासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    मंडूकासन करने के फायदे

    मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

    • इसके अभ्यास से पेट की अच्छी मसाज होती हैं। पाचन तंत्र में सुधार होता है और पाचन शक्ति भी बेहतर बनती है। पेट के अंदर से उठने वाली दुर्गंध आदि रोगों को नष्ट करता है। जैसे पेट में गैस, कब्ज और अपच में फायदेमंद है।
    • इसके नियमित अभ्यास से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। जाँघ, नितंब और पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।
    • मंडूकासन के नियमित अभ्यास से किडनी और लिवर की कार्य पद्धति में सुधारने होता है। जिससे किडनी व लिवर से जुड़ी बीमारियों कम होती है।
    • बुढ़ापे में कमर झुकने से रोकता है।
    • मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से घुटने और टखने के जोड़ों के लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार  होता है। जिससे पीठ, हिप्स, घुटने  मजबूत बनाते है।
    • यह आसन हृदय के लिए यह एक बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है।
    • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए भी यह एक बहुत अच्छा आसन है।
    • स्त्रियों के लिए यह अति लाभकारी आसन है। प्रजनन तंत्र पर प्रभाव डालता है। और इसके अभ्यास से महिलाओं को पीरियड्स के दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत मिल सकती है।

    सावधानियां।

    • गर्भवती महिलाएँ न करें।
    • तीव्र कमर दर्द वाले इस आसन को शनैः शनैः (आराम-आराम) करें।
    • अपनी क्षमता से अधिक देर तक या ज़बर्दस्ती न बैठें।
    • अगर आप के घुटनों में दर्द हें तो पहले पवनमुक्तासन संबंधी क्रियाओं को करें।

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    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। मंडूकासन करने से न सिर्फ पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। और यह आसन वजन घटाने में भी काफी मददगार आसन  है।

    मंडूकासन इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQ

    Ques 1. मंडूकासन करने की विधि?

    Ans. मंडूकासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम वज्रासन में बैठें।
    • अब दोनों हाथों की मुट्ठी बनाकर चित्र अनुसार नाभि के पास रखकर पेट की मांसपेशियों को दबाते हुए आगे की तरफ़ झुकें व सामने की तरफ़ देखें।
    • पहले गहरा श्वास लेंगे फिर आगे की तरफ झुकते समय धीरे-धीरे श्वास छोड़ेंगे। और मेरुदण्ड और सिर को झुकाते हुए सीधा रखें।
    • पूर्ण स्थिति में आने के बाद श्वास स्वाभाविक गति से चलने दें। 8-10 सेकंड तक इसी स्थिति में रुकें।

     

    Ques 2. मंडूकासन करने के क्या फायदे  है?

    Ans. मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

    • इसके अभ्यास से पेट की अच्छी मसाज होती हैं। पाचन तंत्र में सुधार होता है और पाचन शक्ति भी बेहतर बनती है। पेट के अंदर से उठने वाली दुर्गंध आदि रोगों को नष्ट करता है। जैसे पेट में गैस, कब्ज और अपच में फायदेमंद है।
    • इसके नियमित अभ्यास से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। जाँघ, नितंब और पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।
    • मंडूकासन के नियमित अभ्यास से किडनी और लिवर की कार्य पद्धति में सुधारने होता है। जिससे किडनी व लिवर से जुड़ी बीमारियों कम होती है।
    • बुढ़ापे में कमर झुकने से रोकता है।
    • मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से घुटने और टखने के जोड़ों के लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार  होता है। जिससे पीठ, हिप्स, घुटने  मजबूत बनाते है।
    • यह आसन हृदय के लिए यह एक बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है।
    • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए भी यह एक बहुत अच्छा आसन है।
    • स्त्रियों के लिए यह अति लाभकारी आसन है। प्रजनन तंत्र पर प्रभाव डालता है। और इसके अभ्यास से महिलाओं को पीरियड्स के दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत मिल सकती है।

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