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    राजकपोतासन करने का तरीका और फायदे – Method and benefits of Rajakapotasana in Hindi | 1

    राजकपोतासन
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    हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम राजकपोतासन करने का तरीका और फायदो के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि योगासन करने के क्या नियम होते हैं।

    राजकपोतासन करने का सही तरीका

    • राजकपोतासन से सम्बंधित विडियो।

    राजकपोतासन करने के फायदे

    राजकपोतासन
    राजकपोतासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

    • राजकपोतासन का अभ्यास करने से पीठ (Back), पेट (Abdomen), पैर (leg) और कूल्हे (hips) की मांसपेशियों (Muscles) में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होता है। जिससे मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव लगता है, जिससे इस क्षेत्र की मांसपेशियों में क्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है। इससे मांसपेशियों को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. जिससे इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर के इन हिस्सों को मजबूती मिलती है।
    • राजकपोतासन का नियमित अभ्यास करने से गर्दन (Neck) , छाती (Chest) और कंधों (shoulders) की मांसपेशियों मजबूत बनती है। असल में इस योगासन को करने से गर्दन, छाती और कंधों में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होते हैं। जिससे इन अंगों में रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं.
    • राजकपोतासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। इस योगासन का अभ्यास करने से अपचय, कब्ज जैसी विभिन्न प्रकार की पाचन से सम्बंधित समस्या दूर होती है। और इतना ही नहीं, इस योगासन के नियमित अभ्यास से पाचन रस (digestive juices) और एंजाइम के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। तथा पाचनशक्ति बढ़ती है।
    • राजकपोतासन का प्रतिदिन अभ्यास करके यौन स्वास्थ्य (sexual health) में भी सुधार किया जा सकता है। इस आसन को करने से यौन अंग (sex organs) में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होते हैं। जिससे यौन अंगों (sex organs) में रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है, तथा यौन गतिविधि (sexual activity) में सुधार होता है और उत्तेजना बढ़ती है।
    • इस योगासन का नियमित अभ्यास करने से लिवर और किडनी के कार्य क्षमता में सुधार होता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से मूत्र मार्ग से सम्बंधित समस्याएं और नपुंसकता भी दूर होती है।

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    योग के नियम

    अगर आप इन कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य ही आपको योग अभ्यास का पूरा लाभ मिलेगा।

    • किसी गुरु के निर्देशन में योग अभ्यास आरम्भ करें।
    • सूर्योदय या सूर्यास्त का वक़्त योग का सही समय है।
    • योग करने से पहले स्नान ज़रूर करें।
    • योग खाली पेट करें और योग करने के 2 घंटे पहले कुछ ना खायें।
    • योग आरामदायक सूती कपड़े पहन के करे
    • तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए योग करने से पहले सब बुरे ख़याल दिमाग़ से निकाल दें।
    • किसी शांत वातावरण और साफ जगह में योग अभ्यास करें।
    • अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
    • योग अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
    • अपने शरीर के साथ जबरदस्ती बिल्कुल ना करें।
    • धीरज रखें। योग के लाभ महसूस होने मे वक़्त लगता है।
    • निरंतर योग अभ्यास जारी रखें।
    • योग करने के 30 मिनिट बाद तक कुछ ना खायें। 1 घंटे तक न नहायें।
    • प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
    • अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।
    • अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें।
    • योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।

    योग के प्रमुख उद्देश्य 

    योग के उद्देश्य :-

    • तनाव से मुक्त जीवन
    • मानसिक शक्ति का विकास करना
    • प्रकृति के विपरीत जीवन शैली में सुधार करना
    • निरोगी काया
    • रचनात्मकता का विकास करना
    • मानसिक शांति प्राप्त करना
    • सहनशीलता में वृद्धि करना
    • नशा मुक्त जीवन
    • वृहद सोच
    • उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास करना

    योग के लाभ/महत्व

    • रोज सुबह उठकर योग का अभ्यास करने से अनेक फायदे हैं योग मन, मस्तिष्क, ध्यान और शरीर के सभी अंगो का एक संतुलित वर्कआउट है जो आपके सोच-विचार करने की शक्ति व मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है तनाव को कम करता है।
    • योग मन को अनुशासित करता है।
    • जहां जीम व एक्सरसाइज आदि से शरीर के किसी विशेष अंग का विकास या व्यायाम हो पाता है वही योग करने से शरीर के समस्त अंगों का, ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों, ग्रंथियों का विकास और व्यायाम होता है जिससे शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं।
    • प्रतिदिन योग करने से शरीर निरोगी बनता है।
    • योग का प्रयोग शारीरिक,मानसिक,बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास के लिए हमेशा से होता आ रहा है आज की चिकित्सा शोधों व डॉक्टरों ने यह साबित कर दिया है कि YOGA शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है।
    • योग एकाग्रता को बढ़ाता है। प्रतिदिन योग करने से हमारी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बढ़ती है।
    • प्रतिदिन योगासन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है शरीर स्वस्थ, निरोगी और बलवान बनता है।
    • योग के द्वारा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
    • योग से ब्लड शुगर का लेवल स्थिर रहता है। ब्लड शुगर घटने व बढने की समस्या नहीं होती है।
    • योग कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।
    • योग ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों को जागृत करता है।
    • योग डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
    • योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की सभी मांसपेशियों का अच्छा विकास व व्यायाम होता है जिससे तनाव दूर होता है
    • अच्छी नींद आती है भूख अच्छी लगती है पाचन तंत्र सही रहता है।
    • योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बहुत सी स्टडीज में साबित यह हो चुका है कि अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीज योग द्वारा पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं।
    • कुछ योगासनों और मेडिटेशन के द्वारा अर्थराइटिस, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द जोड़ों में दर्द आदि दर्द मे काफी सुधार होता है। गोली-दवाइयों की आवश्यकता कम हो जाती है।
    • योग बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। योगासनों के नित्य अभ्यास से बच्चों में मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है। जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर है वह भी मेडिटेशन के द्वारा पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ हो सकते है अपनी एकाग्रता में सुधार कर सकते है

    सारांश

    राजकपोतासन का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना योगासन का आरंभ न करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।

    FAQ

    Ques 1. राजकपोतासन करने के क्या फायदे  है?
    Ans. राजकपोतासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

    • राजकपोतासन का अभ्यास करने से पीठ (Back), पेट (Abdomen), पैर (leg) और कूल्हे (hips) की मांसपेशियों (Muscles) में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होता है। जिससे मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव लगता है, जिससे इस क्षेत्र की मांसपेशियों में क्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है। इससे मांसपेशियों को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. जिससे इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर के इन हिस्सों को मजबूती मिलती है।
    • राजकपोतासन का नियमित अभ्यास करने से गर्दन (Neck) , छाती (Chest) और कंधों (shoulders) की मांसपेशियों मजबूत बनती है। असल में इस योगासन को करने से गर्दन, छाती और कंधों में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होते हैं। जिससे इन अंगों में रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं.
    • राजकपोतासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। इस योगासन का अभ्यास करने से अपचय, कब्ज जैसी विभिन्न प्रकार की पाचन से सम्बंधित समस्या दूर होती है। और इतना ही नहीं, इस योगासन के नियमित अभ्यास से पाचन रस (digestive juices) और एंजाइम के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। तथा पाचनशक्ति बढ़ती है।
    • राजकपोतासन का प्रतिदिन अभ्यास करके यौन स्वास्थ्य (sexual health) में भी सुधार किया जा सकता है। इस आसन को करने से यौन अंग (sex organs) में खिंचाव (stretch) उत्पन्न होते हैं। जिससे यौन अंगों ((sex organs)) में रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है, तथा यौन गतिविधि (sexual activity) में सुधार होता है और उत्तेजना बढ़ती है।
    • इस योगासन का नियमित अभ्यास करने से लिवर और किडनी के कार्य क्षमता में सुधार होता है।
    • इस योगासन के अभ्यास से मूत्र मार्ग से सम्बंधित समस्याएं और नपुंसकता भी दूर होती है।

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