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    अंजीर खाने के फायदे, नुकसान, पोषक तत्व और अन्य जानकारी | 30 benefits of fig in hindi.

    अंजीर खाने के फायदे
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    इस लेख में हम अंजीर पर चर्चा करेंगे। अंजीर खाने के फायदे, अधिक मात्रा में अंजीर खाने के क्या नुकसान है, अंजीर में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाये जाते है किनको अंजीर का सेवन नहीं करना चाहिए और क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए इन सभी पर चर्चा करेंगे।

    परिचय। Introduction.

    • अंजीर का वैज्ञानिक नाम “फ़िकस कैरिका” है। वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार अंजीर मोरेसी कुल के एक वृक्ष का फल है
    • अंजीर को अंग्रेजी में fig कहा जाता है।
    • इसमें 83 प्रतिशत चीनी होने के कारण यह दुनिया का सबसे मीठा फल है।
    • इसका उत्पादन मिस्र, तुर्की, मोरक्को, स्पेन, इटली, ग्रीस, केलिफोर्निया, और ब्राज़ील जैसे देशों में होता है। तुर्की विश्व में सबसे बड़ा अंजीर उत्पादक देश है, जिसके बाद मिस्र, अल्जीरिया और मोरक्को का स्थान आता है।
    • अंजीर गर्म, सूखे और हलके ठंड वाले जलवायु परिस्थितियों (climatic conditions) में उगता है। अंजीर का उपयोग पुरी दुनिया में सूखे और ताज़े दोनों ही रूप में किया जाता है।
    • अंजीर का पेड़ प्रकृति में छोटा और पर्णपाती होता है। तुर्किस्तान और उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। यह भूमध्यसागरीय तट और उसकी जलवायु वाले देशों में खूब फलता-फूलता है।
    • अंजीर का पेड़ एशिया (दक्षिण-पश्चिम भाग) का मूल निवासी है और अब यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया है। भारत में पूजा में अंजीर का महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल से ही अंजीर के पेड़ को भोजन और औषधियों का समृद्ध स्रोत माना जाता रहा है।

    अंजीर में पोषक तत्व की मात्रा। Nutrient content in fig.

    संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार, सूखे अंजीर में उच्च मात्रा में पोषक तत्व होते हैं क्योंकि उनमें अन्य सूखे फलों की तुलना में अधिक खनिज और विटामिन होते हैं।

    अंजीर खाने के फायदे

    टेबल-2 सूखे अंजीर के फल में खनिज पदार्थों की मात्रा।

    Nutrient (Nutritional Component)Value per 100 grams
    Energy317.78 kcal
    Carbohydrate73.50%
     Protein4.67%
    Fat0.56 %
    Dietary fiber3.68%

    टेबल-2 सूखे अंजीर के फल में खनिज पदार्थों की मात्रा।

    MineralsConcentration (ppm) 
    Calcium (Ca)1545.46
    Magnesium (Mg)679.04
    Iron (Fe)29.49
    Manganese (Mn)4.75
    Phosphorus (P)365.75
    Cadmium (Cd)0.0034
    Copper (Cu)5.02
    Arsenic (As)1.669
    Chromium (Cr)1.47
    Titanium (Ti)0.3727
    Zinc (Zn)9.87
    Tin (Sn)1.329
    Cobalt (Co)0.032
    Molybdenum (Mo)0.026
    Nickel (Ni)1.178
    Lithium (Li)0.245
    Lead (Pb)0.680
    Thallium (Tl)1.5686
    Antimony (Sb)0.298
    Selenium (Se)0.790
    Strontium (Sr)Saturated (maximum possible amount)

    अंजीर का उपयोग।

    अंजीर खाने के फायदे

    यूनानी, सिद्ध, आयुर्वेदिक और पारंपरिक चीनी दवाएं कई औषधीय गुणों के लिए अंजीर का उपयोग करती हैं। यूनानी चिकित्सा प्रणाली में इसका उपयोग मूत्रवर्धक (diuretic), कफनाशक (expectorant) और हल्के रेचक (mild laxative) के रूप में किया जाता है।

    अंजीर के पौधे के कुछ हिस्सों को जैसे बीज, फल, छाल, पत्तियां, अंकुर और लेटेक्स का उपयोग कई औषधीय अनुप्रयोगों के लिए किया गया है। इसके चिकित्सीय लाभों के कारण, अंजीर का उपयोग पारंपरिक रूप से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है जैसे हृदय संबंधी विकार, खांसी, गले में खराश, पेट का दर्द, भूख न लगना, अपच और दस्त, जठरांत्र संबंधी विकार व श्वसन संबंधी विकार के इलाज के लिए दवाओं के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके सूजनरोधी और ऐंठनरोधी गुणों के कारण इसका उपयोग उपचार के रूप में भी किया जाता है। रिसर्च में यह भी पता चला है कि अंजीर निम्नलिखित गतिविधियाँ प्रदर्शित करता है।

    • हाइपोलिपिडेमिक गुण होता है। (आप इसे उच्च कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। आपका डॉक्टर इसे हाइपरलिपिडिमिया या डिस्लिपिडेमिया कहता है।)
    • हेपेटोप्रोटेक्टिव (हेपेटोप्रोटेक्शन या एंटीहेपेटोटॉक्सिसिटी एक रासायनिक पदार्थ की क्षमता है जो लीवर को नुकसान से बचाती है।)
    • ज्वरनाशक (anti pyretic) गुण होता है। (यह बुखार से राहत देता है या उसे कम करता है।)
    • ऐंठनरोधी (anti spasmodic) गुण होता है। (मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करता है।)
    • इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (एक पदार्थ जो प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित या दबाता है और शरीर को कैंसर, संक्रमण या अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है।)
    • मधुमेहरोधी (anti diabetic) गुण होता है।
    • ऐंटिफंगल गुण होता है।
    • जीवाणुरोधी (antibacterial) गुण होता है।

    अंजीर के पौधे के किस भाग का उपयोग कौन से रोग के लिए होता है।

    अंजीर खाने के फायदे

    पौधे के किस भागउपयोग
    पत्तियाँ।
    • कफ के इलाज में
    • ट्यूबरकुलोसिस
    • ऐन्थेल्मिन्टिक (कृमिनाशक – आंतों के कीड़े मारने में)
    • न्यूट्रिशनल अनिमिया की रोकथाम में
    पत्ती, जड़ और फल।
    • कॉलिक के इलाज में
    • अपच
    अंजीर का फल और पत्ती।
    • न्यूट्रिटिव डाइट
    अंजीर का फल और जड़।
    • दाद (रिंगवर्म),
    • ल्यूकोडर्मा
    • ऐंठन (स्पैज़्म)
    अंजीर का फल।
    • मेटाबॉलिक डिसॉर्डर के इलाज में
    • एंटीडायरियल
    • रेस्पाइरेटरी कन्डिशन
    • एक माइल्ड लैक्सेटिव, एक्सपेक्टोरेंट, और डाइयूरेटिक
    • एंटी-इन्फ्लैमेटरी
    • एंटीकैंसर
    • पाइल्स
    • गाउट (गठिया)
    • लैक्सेटिव
    • एंटीऑक्सीडेन्ट
    • विभिन्न प्रकार की दवाओं को तैयार करने में
    • कार्डियोवस्कुलर कन्डिशन में
    • एंटीप्लेटलेट और एंटी-इन्फ्लैमेटरी

    अंजीर के फायदे। Benefits of fig.

    अंजीर खाने के फायदे

    अंजीर न केवल अपने स्वाद और मिठास के लिए जाना जाता है बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। अंजीर में अनेक पोषक तत्व एवं खनिज पदार्थ पाए जाते हैं इसीलिए अंजीर को पोषक तत्वों का पावर हाउस भी कहते हैं। जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अंजीर का नियमित सेवन हमारी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं अंजीर खाने के 30 बड़े फायदे।

    महिलाओं के लिए।

    • अंजीर एक बहुत ही स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट है, जिसे पानी में भिगोकर खाली पेट खाने से कई तरह के फायदे मिलते है।
    • अंजीर पोषक तत्वों का पावरहाउस है, जिसमें बहुत से खनिज पदार्थ होते हैं। मैंगनीज, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) के लिए जरूरी हैं महिलाओं को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। सूखे अंजीर में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के कारण यह हार्मोनल असंतुलन और रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली समस्याओं को ठीक करता है।

     रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।

    • अंजीर पोटेशियम का अच्छा स्रोत है, जो रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। पोटैशियम से भरपूर होने के कारण अंजीर शरीर में उच्च शर्करा स्तर को रोकता है।
    • अंजीर में पोटैशियम अधिक और सोडियम कम होता है, इसलिए यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बचाता है।
    • अनेक रिसर्च से पता चला है कि अंजीर में मौजूद एसिड रक्त शर्करा के स्तर को काफी हद तक कम करने में मदद करता है। ऐसे में यदि पानी में भिगो कर अंजीर का सेवन करें तो टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में शुगर लेवल को काफी हद तक नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है। आप इस ड्राई फ्रूट को स्मूदी, सलाद आदि में शामिल कर सकते हैं।
    • स्मूथी एक गाढ़ा पेय है जो ब्लेंडर में फलों, सब्जियों और अन्य सामग्रियों को मिलाकर बनाया जाता है।

    पेट की समस्याओं को दूर कर।

    • पेट कई दिनों तक साफ नहीं होना, कब्ज की समस्या रहना, पेट फूलाना, पेट में गैस बनना, खाने की इच्छा नहीं होती है तो आप कुछ दिनों तक 2-3 सूखे अंजीर को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उठकर खाली पेट सेवन करें। कब्ज की समस्या तथा पेट से संबंधित सारी समस्याएं दूर होगी, क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है और फाइबर बाउल मूवमेंट्स को दुरुस्त करता है।
    • बाउल मूवमेंट बिगड़ने से मतलब मल त्याग की फ्रीक्वेंसी में कमी आना है।

    हड्डियों को मजबूत बनाता हैं।

    • अंजीर में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को मजबूत एवं स्वस्थ रखने के लिए आप अंजीर को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
    • हड्डियों को मजबूत एवं स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम एक आवश्यक पोषक तत्व है। शरीर स्वयं कैल्शियम का उत्पादन नहीं करता है, इसलिए इसकी आपूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से की जा सकती है। दूध, दही, सोया मिल्क, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ आपको अंजीर भी खाना चाहिए। क्योंकि अंजीर में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जिससे आपकी हड्डियां मजबूत एवं स्वस्थ हो जाएंगी।

    वजन घटाने में मदद करता है।

    • अगर आप वजन बढ़ने से परेशान हैं तो चिंता न करें। आप सूखे अंजीर को रात के समय पानी में भिगोकर सुबह उठकर खाली पेट खाना शुरू कर दें। इसमें कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है। फाइबर आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप अतिरिक्त कैलोरी और वसा युक्त चीजें खाने से बच जाते हैं। आहार में उच्च फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करके वजन बढ़ने से रोका जा सकता है। फल और सूखे मेवे खाने से शरीर का वजन कम होता है।
    • अंजीर में मौजूद फाइबर वजन को संतुलित रखते हैं और मोटापे को कम करते हैं और स्तन कैंसर और रजोनिवृत्ति की समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक पाए गए हैं।

    कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को कम करता।

    • सूखे अंजीर में फिनोल, ओमेगा-3, ओमेगा-6 होता है। यह फैटी एसिड कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है।
    • इसके अलावा भीगे हुए अंजीर हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी कारगर होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण यह शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। इससे ब्लड प्रेशर लेवल भी सही रहता है इससे दिल की सेहत भी अच्छी रहती है। कोरोनरी धमनियों को अवरुद्ध होने से रोकता है। अंजीर शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है, जो कई प्रकार के हृदय रोगों का कारण बनता है।

    👉 यह भी पढ़ें। 

    पुरुषों के लिए अंजीर के लाभ
    महिलाओं के लिए अंजीर के लाभ

    अंजीर के कैंसर-रोधी लाभ।

    • अंजीर लेटेक्स से साइटोटॉक्सिक यौगिक निकाले गए हैं।
    • इन विट्रो, अध्ययनों में यह देखा गया कि ये यौगिक कई कैंसर कोशिका लाइनों के प्रसार को रोकते हैं। इस तरह, अंजीर लेटेक्स को कैंसर कोशिकाओं के उत्पादन और विकास का संभावित अवरोधक माना जाता है।
    • अंजीर लेटेक्स के प्रभाव पर अध्ययन से पता चला कि पेट (कोलन) कैंसर सेल लाइनों के विकास पर यह संभावित एंटीट्यूमर प्रभावों को दिखाता है।

    अंजीर के हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में लाभ।

    • हाइपोग्लाइसीमिया :- एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर मानक सीमा से कम होता है।
    • अंजीर के तने की छाल के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) में मधुमेह-रोधी (antidiabetic) प्रभाव देखा गया। और यह पाया गया कि इस अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) ने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य कर दिया।
    • मधुमेह से पीड़ित चूहों पर एक रिसर्च कि गई जिससे से पता चला है कि अंजीर की पत्ती के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) में हाइपोग्लाइसेमिक को नियंत्रित करने का प्रभाव होता है।
    • एक preclinical रिसर्च से यह भी पता चला है कि, अंजीर और इसकी पत्तियां खाने से हाइपरग्लेसेमिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

    अंजीर के कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में लाभ।

    • अंजीर की पत्तियों के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) पर किए गए एक रिसर्च से पता चलता है कि इसमें हिपेटिक ट्राइग्लिसराइड और लिवर से कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड के स्राव को कम करने की क्षमता है।
    • पशुओं के मॉडल पर किए गए अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि अंजीर कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease) के खतरे को कम कर सकता है।
    • हिपेटिक ट्राइग्लिसराइड :- ट्राइग्लिसराइड्स रक्त में पाए जाने वाले वसा (लिपिड) का एक प्रकार है। 
    • ट्राइग्लिसराइड बढ़ने से शरीर में क्या होता है :- हाइपरट्राइग्लिसराइडेमिया का मतलब है कि आपके रक्त में बहुत अधिक ट्राइग्लिसराइड्स (वसा) हैं। इससे एथेरोस्क्लेरोसिस और संबंधित हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

    अंजीर के जीवाणुरोधी और एंटिफंगल एजेंट के रूप में लाभ।

    • एक अध्ययन से पता चलता है कि अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) मौखिक बैक्टीरिया (oral bacteria) के खिलाफ जीवाणुरोधी (antibacterial) एक्टिविटी दिखाता है।
    • मौखिक बैक्टीरिया (oral bacteria) के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाओं के साथ अंजीर को प्राकृतिक जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • अंजीर पर अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अंजीर की पत्ती के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) में जीवाणुरोधी गतिविधि (antibacterial activity) और मध्यम एंटीफंगल (Moderate Antifungal) गतिविधि देखने को मिलती है।
    • मौखिक बैक्टीरिया (oral bacteria) :- आपका मौखिक बैक्टीरिया (oral bacteria) आपके शरीर में आपकी आंत के बाद दूसरा सबसे बड़ा सूक्ष्मजीव समुदाय है। और आपके मुंह का प्रत्येक भाग – जैसे आपके मसूड़े, जीभ, गाल और दांत – बैक्टीरिया को पनपने के लिए एक विशिष्ट वातावरण प्रदान करते हैं।

    ज्वरनाशक (anti pyretic) गुण होता है।

    • यह बुखार से राहत देता है या उसे कम करता है। अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) का अध्ययन किया गया है। इसके अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) ने जेनेरिक ज्वरनाशक दवाओं की तुलना में अच्छा प्रभाव दिखाया।

    अंजीर के ट्यूबरकुलोसिस की स्थिति में लाभ।

    • माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस :- माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस रोग पैदा करने वाला एक जीवाणु है, इससे तपेदिक या क्षय रोग (TB) होता है। यह एक खतरनाक जीवाणु है जो स्तनधारी जीवों के फेफड़ों के प्रभावित करता है।
    • एक अध्ययन में, अंजीर की पत्तियों के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) को माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (ट्यूबरकुलोसिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया) के खिलाफ प्रभावी पाया गया।
    • अंजीर की इस क्षमता के कारण, इसे पारंपरिक रूप से मलेशिया में ट्यूबरकुलोसिस के नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है।

    अंजीर के एंटीस्पास्मोडिक और एंटीप्लेटलेट एजेंट के रूप में लाभ।

    • अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) का एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव कई प्रयोगों में देखा गया है। इसके परिणाम पके हुए सूखे फलों में स्पस्मोलाईटिक ( अर्थात् ऐंठन या आक्षेप से राहत दिलाने की क्षमता रखने वाला) गतिविधि की संभावना भी दर्शाते हैं।
    • अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) की जांच ह्यूमन प्लेटलेट्स के एक एक्स-विवो मॉडल का उपयोग करके की गई थी, और एंटीस्पास्मोडिक और एंटीप्लेटलेट प्रभाव देखे गए थे।
    • एंटीस्पास्मोडिक का मतलब :- एक दवा जो मांसपेशियों की ऐंठन से राहत देती है, रोकती है, या उसकी घटना को कम करती है, विशेष रूप से चिकनी मांसपेशियों में जैसे आंत्र की दीवार में।
    • एंटीप्लेटलेट्स का मतलब :- ऐसी दवाइयाँ हैं जो रक्त में कोशिकाओं (प्लेटलेट्स) को आपस में चिपकने और थक्का बनने से रोकती हैं। रक्त का थक्का बनने से  दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है।

    अंजीर के एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में लाभ।

    • अंजीर में फेनोलिक यौगिक होते हैं जो हाइड्रोजन दाताओं, कम करने वाले एजेंटों, सिंगलेट ऑक्सीजन क्वेंचर्स, फ्री रेडिकल स्केवेंजर्स आदि के रूप में अपनी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
    • कई अध्ययनों में कहा गया है कि अंजीर के विभिन्न घटक डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA), लिपिड और प्रोटीन को क्षति से बचाने के लिए प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों को नष्ट करते हैं।
    • एंटीऑक्सीडेंट का मतलब :- एंटीऑक्सीडेंट वे यौगिक हैं जो हमारे शरीर में बनते हैं और कई खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये हमारी कोशिकाओं को संभावित हानिकारक अणुओं यानी मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। जब ऐसे मुक्त कण जमा होते हैं, तो वे ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकते हैं।
    • प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियां का मतलब :- एक प्रकार का अस्थिर अणु जिसमें ऑक्सीजन होता है और जो कोशिका में अन्य अणुओं के साथ आसानी से प्रतिक्रिया करता है। कोशिकाओं में प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों का निर्माण डीएनए, आरएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकता है और कोशिका मृत्यु का कारण बन सकता है।

    अंजीर के हिपेटोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में लाभ।

    • हेपेटोप्रोटेक्टिव एजेंट ऐसे यौगिक होते हैं जो यकृत को क्षति से बचाने की क्षमता रखते हैं।
    • अनेक अध्ययनों में पता चला कि अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) संभावित हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि दिखाई देती हैं।
    • एक अध्ययन में अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) का हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि के लिए चूहों पर मूल्यांकन किया गया था, और हिस्टोलॉजिकल, जैव रासायनिक और कार्यात्मक परिवर्तनों का महत्वपूर्ण उलटफेर देखने को मिला।
    • इसने अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) की संभावित हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि का सुझाव दिया।

    अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।

    अंजीर के सेवन से मधुमेह, सर्दी, अस्थमा और अपच जैसी कई बीमारियों में भी फायदा होता है।

    एक दिन में कितने अंजीर खाना चाहिए?

    अंजीर खाने के फायदे

    प्रतिदिन अंजीर का सेवन करने से कई फायदे मिलते हैं, लेकिन ये फायदे आपको तभी मिलते हैं जब आप अपनी जरूरत के मुताबिक उचित मात्रा में अंजीर सेवन करते हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हमें एक दिन में कितनी मात्रा में अंजीर खाना चाहिए? ताकि हमें किसी भी तरह का नुकसान ना हो, इसलिए आपको एक दिन में लगभग 2 से 3 अंजीर ही खाना चाहिए। इतनी मात्रा एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी है और इससे मिलने वाले सभी फायदे भी आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं। इससे ज्यादा मात्रा में अंजीर का सेवन नहीं करना चाहिए।

    अंजीर का इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव।

    अंजीर खाने के फायदे

    • इम्यूनोमॉड्यूलेटरी का अर्थ :- एक पदार्थ जो प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित या दबाता है और शरीर को कैंसर, संक्रमण या अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है।
    • इसके इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभावों के अध्ययन और मूल्यांकन से साबित हुआ कि अंजीर के अर्क (अर्थात् पौधे का तरल पदार्थ) ने एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में काफी सुधार किया है।
    • अंजीर को ज्यादातर सुखाकर बेचा जाता है ताकि इसका उपयोग हर मौसम में किया जा सके। अंजीर का सेवन जूस, पत्तियों का काढ़ा आदि के रूप में भी किया जाता है।

    अंजीर खाने का सबसे अच्छा तरीके।

    अंजीर खाने के फायदे

    ताज़ा अंजीर का उपयोग।

    • ताजा अंजीर अपने आप ही कम कैलोरी, उच्च फाइबर वाला स्नैक होता है। इसे डेसर्ट या सलाद में भी शामिल किया जा सकता है।
    • ताज़ा अंजीर का उपयोग स्वादिष्ट घरेलू जैम और जूस बनाने के लिए किया जा सकता है।

    सूखा अंजीर का उपयोग।

    • सूखे अंजीर में कैलोरी के साथ-साथ शुगर की मात्रा भी अधिक होती है। इसे ऐसे ही खाया जा सकता है या आइसक्रीम जैसी ठंडी मिठाइयों में मिलाया जा सकता है।
    • ताजी अंजीर की तुलना में सूखे अंजीर (रात भर भिगोकर खाने से) कब्ज को नियंत्रित करने के लिए बेहतर होते हैं।
    • सूखे अंजीर को दूध में दो-तीन घंटे तक भिगोकर इसका सेवन कर सकते हैं।

    अंजीर के पौधे की पत्तियाँ का उपयोग।

    • अंजीर के पौधे की पत्तियाँ ये खाने योग्य होती हैं और इन्हें कई तरह से खाया जा सकता है। अंजीर की पत्तियों को हेल्थी फिलिंग के लिए रैप (WRAP) के रूप में भी इनका उपयोग किया जा सकता है।
    • स्वादिष्ट, पौष्टिक स्वाद (nutty flavor) के लिए अंजीर की पत्तियों को गर्म पानी में भी भिगोया जा सकता है।

    अधिक मात्रा में अंजीर का सेवन करने से नुकसान।

    अंजीर खाने के फायदे

    • एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन से पता चलता है कि अंजीर की पत्तीयों का जब उच्च मात्रा में उपयोग किया जाता है तो लीवर को नुकसान हो सकता है।
    • कुछ अन्य अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यदि नियमित खुराक से अधिक उपयोग किया जाए तो अंजीर की पत्तियां मध्यम विषाक्तता (Moderate toxicity) प्रदर्शित करती हैं।

    अंजीर का सेवन करते समय कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए।

    अंजीर खाने के फायदे

    • अंजीर के पत्तों की संभावित विषाक्तता के कारण, यह सलाह दी जाती है कि आपको अंजीर के पत्तों का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और इसकी सुरक्षित मात्रा में सेवन के बारे में आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
    • अंजीर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। हालाँकि, जिन लोगों को मधुमेह है। उन्हें अंजीर का सेवन करते समय प्रतिदिन अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करनी चाहिए

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