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आकर्ण धनुरासन (तीन प्रकार) करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Akarna Dhanurasana in Hindi.1

आकर्ण धनुरासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम आकर्ण धनुरासन तीनो प्रकार के बारे में जानेंगे। आकर्ण धनुरासन क्या है, आकर्ण धनुरासन करने का सही तरीका, आकर्ण धनुरासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

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आकर्ण धनुरासन शाब्दिक अर्थ।

संस्कृत शब्द “कर्ण” का अर्थ होता है कान और “आकर्ण” का अर्थ कान के निकट। तथा संस्कृत शब्द धनुरासन में “धनुर” का अर्थ है धनुष और “आसन” जिसका अर्थ होता है मुद्रा। धनुरासन में हम हाथों से पैरों के टखने पकड़ कर धनुष की तरह खींचते हैं, जैसे धनुष पर तीर खींचा जाता है। आकर्ण धनुरासन तीन प्रकार का होता है। इस आसन को अंग्रेजी में (Shooting Bow Posture) के नाम से जाना जाता है।

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार)

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार) करने का सही तरीका।

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार) करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम।

समय।

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार) करने के फायदे।

आकर्ण धनुरासन (प्रथम प्रकार) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार)

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार) करने का सही तरीका।

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार) करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम।

समय।

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार) करने के फायदे।

आकर्ण धनुरासन (द्वितीय प्रकार) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

आकर्ण धनुरासन (तृतीय प्रकार)

आकर्ण धनुरासन (तृतीय प्रकार) करने का सही तरीका।

आकर्ण धनुरासन (तृतीय प्रकार) करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम/समय।

आकर्ण धनुरासन (तृतीय प्रकार) करने के फायदे।

आकर्ण धनुरासन (तृतीय प्रकार) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

आकर्ण धनुरासन (तीन प्रकार), इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।

 

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