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उपविष्ठ कोणासन करने का सही तरीका और 15 फायदे – Upavishtha Konasana in Hindi

उपविष्ठ कोणासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम उपविष्ठ कोणासन के बारे में जानकारी देंगे।उ

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन उपविष्ठ कोणासन हैं। यह आगे की तरह झुककर किए जाने वाले आसनों में से एक है। इसके अभ्यास से रीढ़ की हड्डी, टांगों के निचले और भीतरी हिस्से, पैरों की जांघ, पिंडली एवं हैमस्ट्रिंग व क्वाड्रिसेप्स और ऊसन्धि (groin) की सहयोगी मांसपेशियों में खिंचाव लगता है तथा वे मजबूत एवं लचीली बनती हैं। कोर की मांसपेशियां (core muscles) सक्रिय (activate) होती है। व सख्त बनती हैं। मूत्र-संस्थान के विकार, अस्थमा से राहत देने में बहुत कारगर है। स्त्रियाँ के वक्षःस्थल (chest area) सुन्दर एवं आकर्षक बनते हैं।

पुरुषों (men) के मुकाबले में महिलाओं (women) को अधिक शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। जैसे मासिक धर्म (menstruation) और गर्भवती होना। और इसी में, इन्हें घर का काम और कार्यालय (Office) दोनों ही संभालने पड़ते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। वैसे तो महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के योग आसन हैं, लेकिन आज हम उपविष्ठ कोणाासन के बारे में जानेंगे।

इसलिए, इस लेख में हम उपविष्ठ कोणासन के बारे में जानेंगे। उपविष्ठ कोणासन क्या है, उपविष्ठ कोणासन करने का सही तरीका, उपविष्ठ कोणासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

उपविष्ठ कोणासन का शाब्दिक अर्थ।

उपविष्ठ कोणासन करने का सही तरीका।

उपविष्ठ कोणासन करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम/समय।

उपविष्ठ कोणासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

उपविष्ठ कोणासन करने के फायदे।

उपविष्ठ कोणासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

हैमस्ट्रिंग मांसपेशि :- हैमस्ट्रिंग मांसपेशी हिप से लेकर घुटने तक जांघों के पीछे मौजूद मांसपेशी है,जो दौड़ने की क्रिया में शरीर की मदद करती है। खिलाड़ियों के लगातार दौड़ते रहने से इस मांसपेशी में खासा दबाव महसूस होता है।

क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां :- यह जांघ के सामने की मांसपेशियों का एक समूह है। क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने के लिए करते हैं, जैसे :- दौड़ना, किक करना (to kick), कूदना और चलना आदि है।

कोर मांसपेशियां :- कोर शरीर का powerhouse है। कोर की मांसपेशियों में पेट की मांसपेशियां, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां (lower back muscles), आपके ग्लूट्स (glutes) और यहां तक कि आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां (pelvic floor muscles) भी शामिल हैं।

पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां :- पेल्विक फ्लोर उन सभी मांसपेशियों का समूह है। जो मूत्राशय (Urinary Bladder), गर्भाशय (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), योनि (Vagina), मलाशय (rectum), और गुदा (anus) से जुड़ी रहती हैं।

ऊसन्धि (groin) :- पेट के निचले हिस्से यानी कि पेडू और जांघ के बीच के भाग को groin कहते हैं। इसमें जनंनागों के आसपास का हिस्सा भी आता है। groin भाग में पांच मांसपेशियां होती हैं। जिन्हे adductor brevis, adductor magnus, adductor longus, adductor gracilis और pectineus के नाम से जाना जाता है।

पेडू (pelvis) :- पेट के निचले हिस्से को पेडू या पेल्विस कहा जाता है। इसमें पेट के निचले हिस्से की आंतें, मूत्राशय और अंडाशय शामिल होते हैं। पेडू के दर्द से मतलब इनमें में से किसी अंग या इनके आसपास की हड्डियों या मांसपेशियों में होने वाला दर्द है।

सावधानियां।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

उपविष्ठ कोणासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

 

FAQs

 

Ques 1. उपविष्ठ कोणासन करने की विधि?

Ans. उपविष्ठ कोणासन करने की विधि।

 

Ques 2. उपविष्ठ कोणासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. उपविष्ठ कोणासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

हैमस्ट्रिंग मांसपेशि :- हैमस्ट्रिंग मांसपेशी हिप से लेकर घुटने तक जांघों के पीछे मौजूद मांसपेशी है,जो दौड़ने की क्रिया में शरीर की मदद करती है। खिलाड़ियों के लगातार दौड़ते रहने से इस मांसपेशी में खासा दबाव महसूस होता है।

क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां :- यह जांघ के सामने की मांसपेशियों का एक समूह है। क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने के लिए करते हैं, जैसे :- दौड़ना, किक करना (to kick), कूदना और चलना आदि है।

कोर मांसपेशियां :- कोर शरीर का powerhouse है। कोर की मांसपेशियों में पेट की मांसपेशियां, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां (lower back muscles), आपके ग्लूट्स (glutes) और यहां तक कि आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां (pelvic floor muscles) भी शामिल हैं।

पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां :- पेल्विक फ्लोर उन सभी मांसपेशियों का समूह है। जो मूत्राशय (Urinary Bladder), गर्भाशय (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), योनि (Vagina), मलाशय (rectum), और गुदा (anus) से जुड़ी रहती हैं।

ऊसन्धि (groin) :- पेट के निचले हिस्से यानी कि पेडू और जांघ के बीच के भाग को groin कहते हैं। इसमें जनंनागों के आसपास का हिस्सा भी आता है। groin भाग में पांच मांसपेशियां होती हैं। जिन्हे adductor brevis, adductor magnus, adductor longus, adductor gracilis और pectineus के नाम से जाना जाता है।

पेडू (pelvis) :- पेट के निचले हिस्से को पेडू या पेल्विस कहा जाता है। इसमें पेट के निचले हिस्से की आंतें, मूत्राशय और अंडाशय शामिल होते हैं। पेडू के दर्द से मतलब इनमें में से किसी अंग या इनके आसपास की हड्डियों या मांसपेशियों में होने वाला दर्द है।

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