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उष्ट्रासन करने का तरीका और 10 फायदे – Method and benefits of Ustrasana in Hindi

उष्ट्रासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम उष्ट्रासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

योग भारत की प्राचीन विधा है। इतिहास की दृष्टि से यह व्यक्त करना अत्यंत कठिन होगा कि विश्व में योग विद्या का आविर्भाव कब, कैसे और कहाँ से हुआ। यदि हम प्राचीन ग्रंथों पर नज़र डालें तो योग विद्या का उल्लेख वेदों और जैन धर्म के ग्रंथों में मिलता है। अतः कह सकते हैं कि योग विद्या की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने योग को हजारों साल की कठिन तपस्या के बाद निर्मित किया है। आज शरीर और मन की ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका हल योग के पास न हो। इस ज्ञान को अब वैज्ञानिक मान्यता भी मिल चुकी है। 

भारतीय वाङ्मय में योग पर वृहत् चिंतन प्रस्तुत किया गया है। गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं –

तपस्विभ्योऽधिको योगी ज्ञानिभ्योऽपि मतोऽधिकः ।
कर्मिभ्यश्चाधिको योगी तस्माद्योगी भवार्जुन ।। 

हे अर्जुन! तू योगी बन जा । क्योंकि तपस्वियों, ज्ञानियों और सकाम कर्म में निरत् जन – इन सभी में योगी श्रेष्ठ है।

आज लोगों का मानना है कि महर्षि पतंजलि ने योग का निरूपण किया जबकि योग के प्रथम गुरु भगवान शिव ही हैं। महर्षि पतंजलि ने तो केवल अष्टांग योग का प्रतिपादन किया जो कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान तथा समाधि के रूप में गृहीत है।

योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है। 

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन उष्ट्रासन हैं। 

इसलिए, इस लेख में हम  उष्ट्रासन के बारे में जानेंगे। उष्ट्रासन क्या है, उष्ट्रासन करने का सही तरीका, उष्ट्रासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। और साथ में हम योग करने के नियम, योग के प्रमुख उद्देश्य और योग का हमारे जीवन में क्या महत्व हैं इसके बारे में भी जानेंगे।

उष्ट्रासन का शाब्दिक अर्थ।

उष्ट्रासन करने का सही तरीका।

उष्ट्रासन करने की विधि।

विधि।

पूर्ण उष्ट्रासन के लिए दोनों हाथों को ज़मीन से स्पर्श कराएँ एवं अर्ध उष्ट्रासन के लिए हाथों को एड़ियों पर न रखकर कमर पर रखें।

ध्यान।

श्वासक्रम।

समय।

उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

उष्ट्रासन करने के फायदे।

उष्ट्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे। 

सावधानियां।

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सारांश

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
उष्ट्रासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQ

Ques 1. उष्ट्रासन करने के क्या फायदे  है?
Ans. उष्ट्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे। 

Ques 2. उष्ट्रासन करने की विधि?

Ans. उष्ट्रासन करने की विधि।

पूर्ण उष्ट्रासन के लिए दोनों हाथों को ज़मीन से स्पर्श कराएँ एवं अर्ध उष्ट्रासन के लिए हाथों को एड़ियों पर न रखकर कमर पर रखें।

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