• Fri. Sep 20th, 2024

    INDIA TODAY ONE

    Knowledge

    कपालभाति प्राणायाम | Kapalbhati Pranayama in Hindi.1

    कपालभाति प्राणायाम
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    इस लेख में हम कपालभाति प्राणायाम पर चर्चा करेंगे। कुछ विद्वान इस क्रिया को प्राणायाम मानते हैं तो कुछ विद्वान इसे षट्कर्म की क्रिया बताते हैं। इस लेख में कपालभाति प्राणायाम के आसन को करने का तरीका और इस आसन के अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि कपालभाति प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें।

    कपालभाति प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ।

    • इस लेख में हम कपालभाति प्राणायाम पर चर्चा करेंगे। कुछ विद्वान इस क्रिया को प्राणायाम मानते हैं तो कुछ विद्वान इसे षट्कर्म की क्रिया बताते हैं। इस लेख में कपालभाति प्राणायाम के आसन को करने का तरीका और इस आसन के अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि कपालभाति प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें।

    कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका।

    कपालभाति प्राणायाम करने की विधि।

    कपालभाति प्राणायाम

    विधि।

    • कपाल-भाति प्राणायाम भस्त्रिका प्राणायाम के समान ही है। 
    • इस प्राणायाम में सांस लेने की गति धीमी और छोड़ने की गति तेज होती है। 
    • सामान्य पूरक करें और पूरी तरह से रेचक क्रिया पर अपना ध्यान केंद्रित करें। यानी शक्तिपूर्वक सांस छोड़ें।
    • अर्थात् स्वाभाविक रूप से सांस लें और रेचक गतिपूर्वक करें।(कुछ विद्वान इसके साथ बंध के अभ्यास की भी बात करते हैं। इसे किसी योग्य शिक्षक के मार्गदर्शन में करें)। 
    • अब दोनों आंखें बंद करें और आज्ञा चक्र पर अपना ध्यान केंद्रित करें और ताजगी और शक्ति का अनुभव करें।
    • रेचक करते (श्वास बाहर निकालते) समय यह विचार करें कि हमारे शरीर के विकार, सभी प्रकार के रोग, भय, अज्ञान, क्रोध, मान, माया, लोभ एवं दुःख दूर हो रहे हैं और मैं शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ व प्रसन्न हो रहा हूँ।

    ध्यान।

    • इस आसन के अभ्यास के दौरान अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित करें। 

    श्वास का क्रम।

    • श्वास का क्रम ऊपर विधि में बताया गया है। 

    समय।

    • सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए 120 प्रति मिनट की रेचक संख्या संतोषजनक मानी जाती है अथवा 3 मिनट से लेकर क्षमतानुसार कर सकते हैं। अथवा गुरु निर्देशानुसार करें।

    कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे।

    कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में ताज़गी, शांति और प्रसन्नता आती है।
    • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। मस्तिष्क रोगों में फ़ायदा मिलता है जैसे चिड़चिड़ापन, गुस्सा, आवेग और तनाव आदि मानसिक रोग दूर होते हैं।
    • शरीर के वजन को संतुलित करता है और मोटापा कम करता है।
    • मधुमेह (diabetes) और क़ब्ज़ (constipation) का शमन होता है।
    • कैंसर जैसी बीमारी में भी फायदेमंद है और यह प्राणायाम कई असाध्य बीमारियों को ठीक करता है।
    • श्वास की गति बलपूर्वक होने के कारण डायाफ्राम के संकुचन और विस्तार से पेट के पूरे क्षेत्र को लाभ होता है, जैसे गुर्दे (Kidney), पेट (stomach), अग्न्याशय (pancreas), यकृत (liver), प्लीहा (spleen), गर्भाशय (uterus) आदि सभी अंग सुव्यवस्थित होते हैं।

    सावधानियां।

    • यदि आप नेत्र रोग मोतियाबिंद (मोतियाबिंद) से पीड़ित हैं या कान में मवाद या कोई अन्य रोग है तो इस प्राणायाम का अभ्यास न करें। 
    • उच्च रक्तचाप (High blood pressure), हृदय रोग, चक्कर आना, गैस्ट्रिक अल्सर से पीड़ित लोगों को इस प्राणायाम का अभ्यास विवेकता पुर्वक एवं धीरे-धीरे करना चाहिए।
    • अधिक लाभ के लिए कपाल भाति प्राणायाम को गुरु के मार्गदर्शन में अधिक बार किया जा सकता है। अगर आपको चक्कर आ रहा है या किसी तरह की परेशानी हो रही है तो रुकें और शवासन करें।

    👉 यह भी पढ़ें।

    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

    कपालभाति प्राणायाम, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

     

    FAQs

     

    Ques 1. कपालभाति प्राणायाम करने की विधि?

    Ans. कपालभाति प्राणायाम करने की विधि।

    • कपाल-भाति प्राणायाम भस्त्रिका प्राणायाम के समान ही है। 
    • इस प्राणायाम में सांस लेने की गति धीमी और छोड़ने की गति तेज होती है। 
    • सामान्य पूरक करें और पूरी तरह से रेचक क्रिया पर अपना ध्यान केंद्रित करें। यानी शक्तिपूर्वक सांस छोड़ें।
    • अर्थात् स्वाभाविक रूप से सांस लें और रेचक गतिपूर्वक करें।(कुछ विद्वान इसके साथ बंध के अभ्यास की भी बात करते हैं। इसे किसी योग्य शिक्षक के मार्गदर्शन में करें)। 
    • अब दोनों आंखें बंद करें और आज्ञा चक्र पर अपना ध्यान केंद्रित करें और ताजगी और शक्ति का अनुभव करें।
    • रेचक करते (श्वास बाहर निकालते) समय यह विचार करें कि हमारे शरीर के विकार, सभी प्रकार के रोग, भय, अज्ञान, क्रोध, मान, माया, लोभ एवं दुःख दूर हो रहे हैं और मैं शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ व प्रसन्न हो रहा हूँ।

     

    Ques 2. कपालभाति प्राणायाम करने के क्या फायदे है?

    Ans. कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में ताज़गी, शांति और प्रसन्नता आती है।
    • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। मस्तिष्क रोगों में फ़ायदा मिलता है जैसे चिड़चिड़ापन, गुस्सा, आवेग और तनाव आदि मानसिक रोग दूर होते हैं।
    • शरीर के वजन को संतुलित करता है और मोटापा कम करता है।
    • मधुमेह (diabetes) और क़ब्ज़ (constipation) का शमन होता है।
    • कैंसर जैसी बीमारी में भी फायदेमंद है और यह प्राणायाम कई असाध्य बीमारियों को ठीक करता है।
    • श्वास की गति बलपूर्वक होने के कारण डायाफ्राम के संकुचन और विस्तार से पेट के पूरे क्षेत्र को लाभ होता है, जैसे गुर्दे (Kidney), पेट (stomach), अग्न्याशय (pancreas), यकृत (liver), प्लीहा (spleen), गर्भाशय (uterus) आदि सभी अंग सुव्यवस्थित होते हैं।
    10 thoughts on “कपालभाति प्राणायाम | Kapalbhati Pranayama in Hindi.1”
    1. Your blog has become an indispensable resource for me. I’m always excited to see what new insights you have to offer. Thank you for consistently delivering top-notch content!

    2. I do agree with all the ideas you have introduced on your post They are very convincing and will definitely work Still the posts are very short for newbies May just you please prolong them a little from subsequent time Thank you for the post

    3. hiI like your writing so much share we be in contact more approximately your article on AOL I need a specialist in this area to resolve my problem Maybe that is you Looking ahead to see you

    4. I do agree with all the ideas you have introduced on your post They are very convincing and will definitely work Still the posts are very short for newbies May just you please prolong them a little from subsequent time Thank you for the post

    5. Wonderful beat I wish to apprentice while you amend your web site how could i subscribe for a blog web site The account aided me a acceptable deal I had been a little bit acquainted of this your broadcast provided bright clear idea

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!

    Discover more from INDIA TODAY ONE

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading