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गतिमय दोलासन करने की विधि और 15 फायदे – gatimay Dolasana in hindi

गतिमय दोलासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम गतिमय दोलासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

योग भारत की प्राचीन विधा है। इतिहास की दृष्टि से यह व्यक्त करना अत्यंत कठिन होगा कि विश्व में योग विद्या का आविर्भाव कब, कैसे और कहाँ से हुआ। यदि हम प्राचीन ग्रंथों पर नज़र डालें तो योग विद्या का उल्लेख वेदों और जैन धर्म के ग्रंथों में मिलता है। अतः कह सकते हैं कि योग विद्या की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने योग को हजारों साल की कठिन तपस्या के बाद निर्मित किया है। आज शरीर और मन की ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका हल योग के पास न हो। इस ज्ञान को अब वैज्ञानिक मान्यता भी मिल चुकी है। 

आज लोगों का मानना है कि महर्षि पतंजलि ने योग का निरूपण किया जबकि योग के प्रथम गुरु भगवान शिव ही हैं। महर्षि पतंजलि ने तो केवल अष्टांग योग का प्रतिपादन किया जो कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान तथा समाधि के रूप में गृहीत है।

योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है। 

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन गतिमय दोलासन हैं।

इसलिए, इस लेख में हम  गतिमय दोलासन के बारे में जानेंगे। गतिमय दोलासन क्या है, गतिमय दोलासन करने का सही तरीका, गतिमय दोलासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

गतिमय दोलासन करने का सही तरीका।

गतिमय दोलासन करने की विधि।

 

विधि।

श्वासक्रम।

समय।

गतिमय दोलासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

गतिमय दोलासन करने के फायदे।

गतिमय दोलासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

गतिमय दोलासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

Ques 1. गतिमय दोलासन करने की विधि?

Ans. गतिमय दोलासन करने की विधि।

Ques 2. गतिमय दोलासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. गतिमय दोलासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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