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गोमुखासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Gomukhasana in Hindi.1

गोमुखासन

योगासनों का अभ्यास करने से  शरीर, मन और मस्तिष्क स्वस्थ रहते है। तथा प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) मजबूत होता है। भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन गोमुखासन हैं।

इसलिए, इस लेख में हम  गोमुखासन के बारे में जानेंगे। गोमुखासन क्या है, गोमुखासन करने का सही तरीका, गोमुखासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

गोमुखासन का शाब्दिक अर्थ।

गोमुखासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। गौमुखासन तीन शब्दों की संधि से बना है – गो+मुख+आसन। गौ अर्थात् गाय, मुख अर्थात् चहरा और आसन अर्थात् मुद्रा। गौमुख का अर्थ होता है। गाय का मुख अर्थात इस विधि में एक के ऊपर एक घुटने रखने से इसकी आकृति गाय के मुख के समान और पैरों के पंजे अगल-बगल से बाहर की तरफ़ निकले होने के कारण गाय के कान के समान दिखाई पड़ते हैं अतः गौमुख आसन कहलाता है।

गोमुखासन करने का सही तरीका।

गोमुखासन करने की प्रथम विधि।

श्वास का क्रम/समय।

गोमुखासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

गोमुखासन करने की द्वितीय विधि।

गोमुखासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

गोमुखासन में जब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हैं। तो कुछ योग गुरू इसे सुप्त गोमुखासन कहते है। और कहीं-कहीं योग विशेषज्ञ (yoga Expert) इस मुद्रा को ध्यान वीरासन भी कहते हैं।

ध्यान।

गोमुखासन करने के फायदे।

 

गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे :-

  1. गठिया
  2. साइटिका (कटिस्नायुशूल)
  3. अपचन (बदहजमी, खट्टी डकार)
  4. कब्ज
  5. धातु रोग
  6. मन्दाग्नि
  7. पीठदर्द
  8. लैंगिक विकार
  9. मधुमेह (diabetes)
  10. बवासीर (hemorrhoid)
  11. अस्थमा (दमा)

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

गोमुखासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

 

FAQs

 

Ques 1. गोमुखासन करने की विधि?

Ans. गोमुखासन करने की 2 विधिया।

गोमुखासन करने की प्रथम विधि।

श्वास का क्रम/समय।

गोमुखासन करने की द्वितीय विधि।

गोमुखासन में जब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हैं। तो कुछ योग गुरू इसे सुप्त गोमुखासन कहते है। और कहीं-कहीं योग विशेषज्ञ (yoga Expert) इस मुद्रा को ध्यान वीरासन भी कहते हैं।

 

Ques 2. गोमुखासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे :-

  1. गठिया
  2. साइटिका (कटिस्नायुशूल)
  3. अपचन (बदहजमी, खट्टी डकार)
  4. कब्ज
  5. धातु रोग
  6. मन्दाग्नि
  7. पीठदर्द
  8. लैंगिक विकार
  9. मधुमेह (diabetes)
  10. बवासीर (hemorrhoid)
  11. अस्थमा (दमा)

 

 

 

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