Site icon INDIA TODAY ONE

तिर्यक् कटि चक्रासन (तीन प्रकार) करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Tiryaka Kati Chakrasana in Hindi.1

तिर्यक् कटि चक्रासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम तिर्यक् कटि चक्रासन (तीन प्रकार) के बारे में जानेंगे। तिर्यक् कटि चक्रासन क्या है, तिर्यक् कटि चक्रासन करने का सही तरीका, तिर्यक् कटि चक्रासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

तिर्यक् कटि चक्रासन का शाब्दिक अर्थ।

तिर्यक् कटि चक्रासन करने का सही तरीका।

तिर्यक् कटि चक्रासन प्रथम प्रकार।

तिर्यक् कटि चक्रासन (प्रथम प्रकार) करने की विधि।

श्वास का क्रम/समय।

या

तिर्यक् कटि चक्रासन द्वितीय प्रकार।

तिर्यक् कटि चक्रासन (द्वितीय प्रकार) करने की विधि।

श्वास का क्रम/समय 

तिर्यक् कटि चक्रासन तृतीय प्रकार।

तिर्यक् कटि चक्रासन (तृतीय प्रकार) करने की विधि।

 

तिर्यक् कटि चक्रासन करने के फायदे।

तिर्यक् कटि चक्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

👉 यह भी पढ़ें 

सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

तिर्यक् कटि चक्रासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

 

FAQs

 

Ques 1. तिर्यक् कटि चक्रासन का शाब्दिक अर्थ?

Ans. तिर्यक् कटि चक्रासन यह संस्कृत भाषा के शब्द हैं। जिसमें तिर्यक् का मतलब ढालुआ, तिरछापन या आड़ापन होता हैं। कटि का अर्थ “कमर”, चक्र का अर्थ “पहिया” और आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”।

 

Ques 2. तिर्यक् कटि चक्रासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. तिर्यक् कटि चक्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

Exit mobile version