हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम पिन्च मयूरासन के बारे में जानेंगे। पिन्च मयूरासन क्या है, पिन्च मयूरासन करने का सही तरीका, पिन्च मयूरासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। कुछ योग शिक्षक इस आसन को व्याघ्रासन का द्वितीय प्रकार भी कहते हैं।
पिन्च मयूरासन का शाब्दिक अर्थ।
पिन्च मयूरासन संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है। पिंच + मयूर +आसन। जिसमें “पिंच” का अर्थ पंखों या Feathers से है। तथा “मयूर” का अर्थ मोर पक्षी से है। जिसे अंग्रेजी में भी Peacock कहा जाता है। और “आसन” जिसका अर्थ होता है “मुद्रा”। कुछ योग शिक्षक इस आसन को व्याघ्रासन का द्वितीय प्रकार भी कहते हैं।
पिन्च मयूरासन करने का सही तरीका।
पिन्च मयूरासन करने की विधि।
विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन में घुटने टेककर आगे की ओर झुक कर बैठ जाए।
- अब ज़मीन पर अपने दोनों हाथों को कोहनी से लेकर हथेलियाँ तक समानांतर रखें। (चित्रानुसार)
- अब शरीर का पूरा वजन हाथों पर देते हुए शीर्षासन जैसी स्थिति में पहुँचें। परन्तु पूरा भार हाथों पर ही रखें।
- सिर को उठाकर सामने देखने की कोशिश करें एवं पीठ को मोड़ते हुए पैरों को उर्ध्व में स्थिर करें (चित्रानुसार)।
श्वास का क्रम।
- इस आसन के अभ्यास के दौरान दोनों पैरों को ऊपर उठाते समय अंतः कुम्भक करें।
- आसन की पूर्ण स्थिति में श्वास का क्रम धीमा करें।
समय।
- इस आसन का अभ्यास 10-20 सेकेण्ड तक करें।
पिन्च मयूरासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
पिन्च मयूरासन करने के फायदे।
पिन्च मयूरासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- इस आसन के अभ्यास से कंधों, बाजुओं और कोर की मांसपेशियां मजबूत बनती है।
- इस आसन के अभ्यास से हाथ, कंधे, मेरुदण्ड एवं कमर में लचीलापन तथा मजबूती आती है।
- रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। रक्त संचार (blood circulation) तीव्र करता है।
- बालों के झड़ने की समस्या को रोकता है।
- सिर में पोषक तत्व एवं रक्त का संचार भली प्रकार से होता है। जिससे मस्तिष्क संबंधी विकार शनैः शनैः दूर हो जाते है।
- यह आसन ओज, तेज और चेहरे की चमक बढ़ाता है। और चेहरे की झुर्रियों को समाप्त कर देता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- वक्षःस्थल (chest area) मजबूत होता है। फेफड़े पुष्ट होते हैं।
- यह योगासन शरीर की कार्यक्षमता, स्थिरता और संतुलन में सुधार करता है। [शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है]
- इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है, जिससे आपका मस्तिष्क शांत रहता, याददाश्त और एकाग्रता (concentration) में सुधार होता है। और तनाव, डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
- इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आपको उंचाई से लगने वाले डर पर काबू पाने में मदद करता है।
सावधानियां।
- high blood pressure, heart disease एवं मानसिक कमज़ोरी (mental weakness) वाले व्यक्ति इस आसन का अभ्यास न करें।
- उच्च अभ्यास का आसन होने के कारण इस आसन का अभ्यास करने के लिए योग शिक्षक की सहायता ले।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
पिन्च मयूरासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. पिन्च मयूरासन करने की विधि?
Ans. पिन्च मयूरासन करने की विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन में घुटने टेककर आगे की ओर झुक कर बैठ जाए।
- अब ज़मीन पर अपने दोनों हाथों को कोहनी से लेकर हथेलियाँ तक समानांतर रखें। (चित्रानुसार)
- अब शरीर का पूरा वजन हाथों पर देते हुए शीर्षासन जैसी स्थिति में पहुँचें। परन्तु पूरा भार हाथों पर ही रखें।
- सिर को उठाकर सामने देखने की कोशिश करें एवं पीठ को मोड़ते हुए पैरों को उर्ध्व में स्थिर करें (चित्रानुसार)।
Ques 2. पिन्च मयूरासन करने के क्या फायदे है?
Ans. पिन्च मयूरासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- इस आसन के अभ्यास से कंधों, बाजुओं और कोर की मांसपेशियां मजबूत बनती है।
- इस आसन के अभ्यास से हाथ, कंधे, मेरुदण्ड एवं कमर में लचीलापन तथा मजबूती आती है।
- रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। रक्त संचार (blood circulation) तीव्र करता है।
- बालों के झड़ने की समस्या को रोकता है।
- सिर में पोषक तत्व एवं रक्त का संचार भली प्रकार से होता है। जिससे मस्तिष्क संबंधी विकार शनैः शनैः दूर हो जाते है।
- यह आसन ओज, तेज और चेहरे की चमक बढ़ाता है। और चेहरे की झुर्रियों को समाप्त कर देता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- वक्षःस्थल (chest area) मजबूत होता है। फेफड़े पुष्ट होते हैं।
- यह योगासन शरीर की कार्यक्षमता, स्थिरता और संतुलन में सुधार करता है। [शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है]
- इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है, जिससे आपका मस्तिष्क शांत रहता, याददाश्त और एकाग्रता (concentration) में सुधार होता है। और तनाव, डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
- इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आपको उंचाई से लगने वाले डर पर काबू पाने में मदद करता है।