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व्याघ्रासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां। 1

व्याघ्रासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम व्याघ्रासन योगासन के बारे में जानकारी देंगे।

व्याघ्रासन एक ऐसा आसन है जिसका अभ्यास करते समय शरीर की आकृति बाघ के समान दिखाई पड़ती हैं। और यह शारीरिक, मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है।

योग गुरूओं की मानें तो यह योगासन बहुत प्रभावी आसनों में से एक है और आपके लिए रोजाना इसका अभ्यास करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है। अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert)  की मानें तो यह आसन बहुत ही प्रभावी आसनों में से एक है और प्रतिदिन इसका अभ्यास करना शारीरिक, मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।

इस आसन का अभ्यास करने से आपके शरीर में बाघ के समान मजबूती एवं स्फुर्ति आती है जैसे बाघ को सबसे मजबूत और सबसे सक्रिय जानवरों में से एक माना जाता है। अक्सर यह माना जाता है कि बाघ जैसा शरीर सबसे स्वस्थ शरीर होता है। हिंदू ग्रंथो के अनुसार मानता है कि पृथ्वी पर 84,000,000 जानवर हैं। और उनमें से योग कि कुल 84 मुद्राएं भगवान शिव द्वारा बनाई गई थीं। 

योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है। 

भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन व्याघ्रासन हैं। 

इसलिए, इस लेख में हम  व्याघ्रासन के बारे में जानेंगे। व्याघ्रासन क्या है, व्याघ्रासन करने का सही तरीका, व्याघ्रासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

व्याघ्रासन का शाब्दिक अर्थ।

व्याघ्रासन करने का सही तरीका।

व्याघ्रासन करने की विधि।

श्वासक्रम।

समय।

व्याघ्रासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

व्याघ्रासन करने के फायदे।

व्याघ्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है।sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।

सावधानियां।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। व्याघ्रासन एक ऐसा आसन है जिसका अभ्यास करते समय शरीर की आकृति बाघ के समान दिखाई पड़ती हैं। और यह शारीरिक, मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें।

व्याघ्रासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs 

Ques 1. व्याघ्रासन करने की विधि?

Ans. व्याघ्रासन करने की विधि।

Ques 2. व्याघ्रासन करने के क्या फायदे  है?

Ans. व्याघ्रासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है।sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।

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