Site icon INDIA TODAY ONE

शवासन करने का तरीका और फायदे – Method and benefits of Shavasana in Hindi | 1

शवासन

हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम शवासन करने का तरीका और फायदो के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि योगासन करने के क्या नियम होते हैं।

शवासन करने का सही तरीका

शवासन करने के फायदे

शवासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

शवासन साधारण अष्टांग योगासन है। प्रतिदिन योगासन योग करने के बाद 10-13 minutes तक इस योगासन का अभ्यास किया जा सकता है। इस योगासन के अभ्यास से शरीर की खर्च हो चुकी ऊर्जा वापस मिलने हैं। साथ ही अवसाद (Depression) और तनाव (Tension) से भी मुक्ति मिलती है। तथा शरीर ऊर्जावान महसूस होता है।

शवासन करने के फायदे पूरी तरह से तभी मिलते हैं जब आप इस योगासन को करते समय सोएं नहीं पूरी तरह सक्रिय (Active) रहते हैं। अगर आपको शवासन करते हुए आलस आता है तो आप गहरी और तेज सांसें लें। क्योंकि एकाग्रता इस योगासन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

👉 यह भी पढ़ें

योग के नियम

अगर आप इन कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य ही आपको योग अभ्यास का पूरा लाभ मिलेगा।

योग के प्रमुख उद्देश्य 

योग के उद्देश्य :-

योग के लाभ/महत्व

सारांश

शवासन का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना योगासन का आरंभ न करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।

FAQ

Ques 1. शवासन करने के क्या फायदे  है?
Ans. शवासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

 शवासन साधारण अष्टांग योगासन है। प्रतिदिन योगासन योग करने के बाद 10-13 minutes तक इस योगासन का अभ्यास किया जा सकता है। इस योगासन के अभ्यास से शरीर की खर्च हो चुकी ऊर्जा वापस मिलने हैं। साथ ही अवसाद (Depression) और तनाव (Tension) से भी मुक्ति मिलती है। तथा शरीर ऊर्जावान महसूस होता है।

शवासन करने के फायदे पूरी तरह से तभी मिलते हैं जब आप इस योगासन को करते समय सोएं नहीं पूरी तरह सक्रिय (Active) रहते हैं। अगर आपको शवासन करते हुए आलस आता है तो आप गहरी और तेज सांसें लें। क्योंकि एकाग्रता इस योगासन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Exit mobile version