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शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां।1

शीर्ष जानुस्पर्शासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम शीर्ष जानुस्पर्शासन के बारे में जानेंगे। शीर्ष जानुस्पर्शासन क्या है, शीर्ष जानुस्पर्शासन करने का सही तरीका, शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। इस लिए इस आसन के अभ्यास संतुलन शक्ति बढ़ती है। इस आसन के अभ्यास से शरीर का वात कम होता है। और कंपन रोग नहीं होता।

शीर्ष जानुस्पर्शासन का शाब्दिक अर्थ।

शीर्ष जानुस्पर्शासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। जिसमें शीर्ष अर्थात् सिर एवं जानु का अर्थ घुटना है।इस आसन में सिर को घुटनो से स्पर्श करवाया जाता है।

शीर्ष जानुस्पर्शासन करने का सही तरीका।

शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम/समय।

शीर्ष जानुस्पर्शासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के फायदे।

शीर्ष जानुस्पर्शासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

शीर्ष जानुस्पर्शासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

Ques 1. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि?

Ans. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि।

Ques 2. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के क्या फायदे है?

Ans. शीर्ष जानुस्पर्शासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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