• Fri. Nov 22nd, 2024

    INDIA TODAY ONE

    Knowledge

    शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि, फायदे और सावधानियां।1

    शीर्ष जानुस्पर्शासन
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम शीर्ष जानुस्पर्शासन के बारे में जानेंगे। शीर्ष जानुस्पर्शासन क्या है, शीर्ष जानुस्पर्शासन करने का सही तरीका, शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

    यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। इस लिए इस आसन के अभ्यास संतुलन शक्ति बढ़ती है। इस आसन के अभ्यास से शरीर का वात कम होता है। और कंपन रोग नहीं होता।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन का शाब्दिक अर्थ।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन एक संस्कृत भाषा का शब्द हैं। जिसमें शीर्ष अर्थात् सिर एवं जानु का अर्थ घुटना है।इस आसन में सिर को घुटनो से स्पर्श करवाया जाता है।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन करने का सही तरीका।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन

    विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएँ।
    • अब अपने बाएँ पैर के घुटने को मोड़ते हुए एड़ी को पीछे नितम्ब से लगाएँ।तथा दोनों हाथों से पंजे को पकड़ें। (चित्रानुसार)
    • अब सिर आगे की तरफ़ झुकाते हुए दाहिने पैर के घुटने से स्पर्श कराएँ। (चित्रानुसार)
    • सिर को घुटने से स्पर्श करते समय कोशिश करें कि घुटना मुड़े नहीं।
    • अब पैरों की स्थिति बदलकर यह क्रिया वापस दोहराएँ।
    • यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। देखने में सरल किंतु क्रियात्मक रूप से कठिन है। इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देख रेख में और धैर्य पूर्वक करें।

    श्वास का क्रम/समय।

    • इस आसन के अभ्यास के समय श्वास क्रिया के प्रति सजग रहें।
    • इस आसन के अभ्यास के दौरान झुकते समय श्वास छोड़ें।
    • पुनः वापस आते समय श्वास लें।
    • यह क्रिया 4-5 बार दोहराएँ।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के फायदे।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास से शरीर का वात कम होता है।
    • इस आसन के नियमित अभ्यास से कंपन रोग नहीं होता।
    • यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। इस लिए इस आसन के अभ्यास संतुलन शक्ति बढ़ती है।
    • जाँघें मज़बूत होती हैं। और जोड़ों के दर्द में भी लाभ मिलता है।
    • मेरुदंड को भी लाभ मिलता है।

    सावधानियां।

    • स्लिप डिस्क, कटिस्नायुशूल (sciatica) वाले रोगी इस आसन का अभ्यास न करें।
    • high blood pressure, चक्कर आने एवं हृदय रोग (heart disease) से पीड़ित व्यक्ति इस आसन का अभ्यास क्रमशः धैर्य पूर्वक करें।

    👉 यह भी पढ़ें।

    सारांश।

    योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

    शीर्ष जानुस्पर्शासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

    FAQs

    Ques 1. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि?

    Ans. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने की विधि।

    • सर्वप्रथम अपने आसन पर सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएँ।
    • अब अपने बाएँ पैर के घुटने को मोड़ते हुए एड़ी को पीछे नितम्ब से लगाएँ।तथा दोनों हाथों से पंजे को पकड़ें। (चित्रानुसार)
    • अब सिर आगे की तरफ़ झुकाते हुए दाहिने पैर के घुटने से स्पर्श कराएँ। (चित्रानुसार)
    • सिर को घुटने से स्पर्श करते समय कोशिश करें कि घुटना मुड़े नहीं।
    • अब पैरों की स्थिति बदलकर यह क्रिया वापस दोहराएँ।
    • यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। देखने में सरल किंतु क्रियात्मक रूप से कठिन है। इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देख रेख में और धैर्य पूर्वक करें।

    Ques 2. शीर्ष जानुस्पर्शासन करने के क्या फायदे है?

    Ans. शीर्ष जानुस्पर्शासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

    • इस आसन के अभ्यास से शरीर का वात कम होता है।
    • इस आसन के नियमित अभ्यास से कंपन रोग नहीं होता।
    • यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। इस लिए इस आसन के अभ्यास संतुलन शक्ति बढ़ती है।
    • जाँघें मज़बूत होती हैं। और जोड़ों के दर्द में भी लाभ मिलता है।
    • मेरुदंड को भी लाभ मिलता है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!

    Discover more from INDIA TODAY ONE

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading