हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम सांख्यासन के बारे में जानेंगे। सांख्यासन क्या है, सांख्यासन करने का सही तरीका, सांख्यासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
सांख्यासन करने का सही तरीका।
सांख्यासन करने की विधि।
सांख्यासन करने की दो विधि है।
प्रथम विधि।
- सर्वप्रथम कागासन में बैठ जाएँ।
- अब दोनों हाथों की सहायता से दाहिने पैर को उठाकर दाहिने कंधे के पीछे क्रमशः ले जाएँ व बाएँ पैर के पंजे पर शरीर का पूरा संतुलन स्थापित करें। (चित्रानुसार)
- अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लाएं।
- अब इस मुद्रा में अपनी क्षमता अनुसार बैठने की कोशिश करें।
- अब पैर बदल कर इसी क्रिया को दुबारा दोहराए।
द्वितीय विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएँ।
- अब हाथों की सहायता से दाहिने पैर को उठाकर दाहिने कंधे के पीछे ले जाएँ।
- अब धीरे-धीरे दूसरे पैर को हाथों की सहायता से घुटने से मोड़कर पंजे को ज़मीन पर जमाकर बैठ जाएँ। तथा पैर के पंजे पर शरीर का पूरा संतुलन स्थापित करें। (चित्रानुसार)
- अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लाएं।
- अब इस मुद्रा में अपनी क्षमता अनुसार बैठने की कोशिश करें।
- अब पैर बदल कर इसी क्रिया को दुबारा दोहराए।
श्वास का क्रम।
- आसन की पूर्ण स्थिति में श्वास की गति सामान्य रखें।
समय।
- इस आसन का अभ्यास 5-10 सेकेण्ड करें।
सांख्यासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
सांख्यासन करने के फायदे।
सांख्यासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- इस आसन के अभ्यास से पैरों के पंजे मजबूत बनते हैं
- यह आसन पूरे शरीर में रक्त संचार (blood circulation) की वृद्धि करता है।
- इस आसन के अभ्यास से उदर क्षेत्र (abdominal region), मेरुदण्ड, एवं श्रोणि क्षेत्र (pelvic region) को भी लाभ मिलता है।
- जीवन में भी संतुलन प्रदान करता है।
सावधानियां।
- यह संतुलन एवं उच्च अभ्यास का आसन है। पहली ही बार में पूर्ण अभ्यास करने का प्रयास न करें और ज़बरदस्ती न करें। तथा इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देख रेख में और धैर्य पूर्वक करें।
- आपके नितम्बों व कमर में अधिक लचीलापन एवं मजबूत हो तभी इस आसन का अभ्यास करें।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
सांख्यासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1. सांख्यासन करने की विधि?
Ans. सांख्यासन करने की दो विधि है।
प्रथम विधि।
- सर्वप्रथम कागासन में बैठ जाएँ।
- अब दोनों हाथों की सहायता से दाहिने पैर को उठाकर दाहिने कंधे के पीछे क्रमशः ले जाएँ व बाएँ पैर के पंजे पर शरीर का पूरा संतुलन स्थापित करें। (चित्रानुसार)
- अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लाएं।
- अब इस मुद्रा में अपनी क्षमता अनुसार बैठने की कोशिश करें।
- अब पैर बदल कर इसी क्रिया को दुबारा दोहराए।
द्वितीय विधि।
- सर्वप्रथम अपने आसन पर दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएँ।
- अब हाथों की सहायता से दाहिने पैर को उठाकर दाहिने कंधे के पीछे ले जाएँ।
- अब धीरे-धीरे दूसरे पैर को हाथों की सहायता से घुटने से मोड़कर पंजे को ज़मीन पर जमाकर बैठ जाएँ। तथा पैर के पंजे पर शरीर का पूरा संतुलन स्थापित करें। (चित्रानुसार)
- अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लाएं।
- अब इस मुद्रा में अपनी क्षमता अनुसार बैठने की कोशिश करें।
- अब पैर बदल कर इसी क्रिया को दुबारा दोहराए।
Ques 2. सांख्यासन करने के क्या फायदे है?
Ans. सांख्यासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- इस आसन के अभ्यास से पैरों के पंजे मजबूत बनते हैं
- यह आसन पूरे शरीर में रक्त संचार (blood circulation) की वृद्धि करता है।
- इस आसन के अभ्यास से उदर क्षेत्र (abdominal region), मेरुदण्ड, एवं श्रोणि क्षेत्र (pelvic region) को भी लाभ मिलता है।
- जीवन में भी संतुलन प्रदान करता है।