हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम सूर्य भेदन प्राणायाम पर चर्चा करेंगे। सूर्य भेदन प्राणायाम विशेष बात क्या है, सूर्य भेदन प्राणायाम करने का सही तरीका, सूर्य भेदन प्राणायाम करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।
सूर्य भेदन प्राणायाम कि विशेष बात।
- सूर्य भेदन प्राणायाम की विशेषता यह है कि इसकी सभी श्वास लेना (पूरक) की क्रियाएँ दाएँ नासिका द्वार से की जाती है। तथा पूरक क्रिया में प्राण-ऊर्जा पिंगला नाड़ी (सूर्य नाड़ी, जमुना नाड़ी) से प्रवाहित होती है। और श्वास छोड़ना (रेचक) की क्रियाएँ बाएँ नासिका द्वार से की जाती है तथा रेचक क्रिया में प्राण-ऊर्जा इड़ा नाड़ी (चंद्र नाड़ी, गंगा नाड़ी) से प्रवाहित होती है।
सूर्य भेदन प्राणायाम करने का सही तरीका।
सूर्य भेदन प्राणायाम करने की विधि।
विधि।
- सर्वप्रथम सुखासन में बैठ जाइए।
- अब अपने बाएँ नासिका द्वार को बंद कर अपने दाएँ नासिका द्वार से लम्बा श्वास लीजिए।
- अब नासिका द्वार बंद कीजिए और श्वास अन्दर रोकें रखें अर्थात् अतःकुंभक कीजिए।
- अब जालंधर और मूलबंध लगाइए।
- अब बंध शिथिल करते हुए बाएँ नासिका द्वार से धीरे-धीरे श्वास बाहर छोड़े।
- यह एक चक्र पुरा हुआ। इस प्रकार अपने अभ्यास को क्रमशः 10 चक्र तक बढ़ाइए।
- अभ्यास के दौरान कुंभक का समय धीरे-धीरे बढ़ाते रहना चाहिए। हठ योग में लिखा है कि कुंभक तब तक करें, जब तक शरीर से पसीना न निकल आए। जबकि शुरूआत में ऐसा संभव नहीं होता, इसलिए ध्यान पूर्वक ही क्रिया करें।
श्वास का क्रम/समय।
- श्वास का क्रम और समय ऊपर विधि में बताया गया है।
दिशा।
- आध्यात्मिक लाभ हेतु अभ्यास के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर कि और रखें। और पूर्व या उत्तर दिशा मुख करके अभ्यास करने से विशेष एवं जल्दी लाभ प्राप्त होते हैं।
सूर्य भेदन प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
सूर्य भेदन प्राणायाम करने के फायदे।
सूर्य-भेदन प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- सूर्य भेदन प्राणायाम के अभ्यास से पाचन तंत्र (Digestive System) मज़बूत बनता है। जिससे पाचन तंत्र सुचारु ढंग से कार्य करने लगता है और पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है। क्योंकि दायाँ स्वर इस कार्य में सहायक होता है।
- इसके अभ्यास से शरीर में ऊष्णता बढ़ती है।
- वात रोग और कफ़ का शमन होता है। इन रोगों से छुटकारा मिलता है।
- त्वचा विकार ठीक होते हैं।
- ओज, तेज और चेहरे की चमक को बढ़ाता है। चेहरे की झुर्रियों मिटती हैं।
- सूर्य-भेदन प्राणायाम के नियमित अभ्यास से साइनस साफ़ और स्वच्छ होते हैं। (साइनस चेहरे के क्षेत्र में खोखली गुहाएँ होती हैं जो हवा के संचार और म्यूकस को बाहर निकालने में सहायता करती हैं। साइनस संक्रमण, जिसे साइनसाइटिस भी कहते है।)
- निम्न रक्तचाप (low blood pressure) में लाभ मिलता है।
सावधानियां।
- high blood pressure वाले रोगी इस आसन का अभ्यास न करें।
- गर्मी के मौसम में यथासंभव इस आसन का अभ्यास न करें।
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सारांश।
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
सूर्य भेदन प्राणायाम, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQs
Ques 1.सूर्य भेदन प्राणायाम करने की विधि?
Ans. सूर्य भेदन प्राणायाम करने की विधि।
- सर्वप्रथम सुखासन में बैठ जाइए।
- अब अपने बाएँ नासिका द्वार को बंद कर अपने दाएँ नासिका द्वार से लम्बा श्वास लीजिए।
- अब नासिका द्वार बंद कीजिए और श्वास अन्दर रोकें रखें अर्थात् अतःकुंभक कीजिए।
- अब जालंधर और मूलबंध लगाइए।
- अब बंध शिथिल करते हुए बाएँ नासिका द्वार से धीरे-धीरे श्वास बाहर छोड़े।
- यह एक चक्र पुरा हुआ। इस प्रकार अपने अभ्यास को क्रमशः 10 चक्र तक बढ़ाइए।
- अभ्यास के दौरान कुंभक का समय धीरे-धीरे बढ़ाते रहना चाहिए। हठ योग में लिखा है कि कुंभक तब तक करें, जब तक शरीर से पसीना न निकल आए। जबकि शुरूआत में ऐसा संभव नहीं होता, इसलिए ध्यान पूर्वक ही क्रिया करें।
Ques 2. सूर्य भेदन प्राणायाम करने के क्या फायदे है?
Ans. सूर्य भेदन प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- सूर्य-भेदन प्राणायाम के अभ्यास से पाचन तंत्र (Digestive System) मज़बूत बनता है। जिससे पाचन तंत्र सुचारु ढंग से कार्य करने लगता है और पाचन तंत्र (Digestive System) में सुधार होता है। क्योंकि दायाँ स्वर इस कार्य में सहायक होता है।
- इसके अभ्यास से शरीर में ऊष्णता बढ़ती है।
- वात रोग और कफ़ का शमन होता है। इन रोगों से छुटकारा मिलता है।
- त्वचा विकार ठीक होते हैं।
- ओज, तेज और चेहरे की चमक को बढ़ाता है। चेहरे की झुर्रियों मिटती हैं।
- सूर्य-भेदन प्राणायाम के नियमित अभ्यास से साइनस साफ़ और स्वच्छ होते हैं। (साइनस चेहरे के क्षेत्र में खोखली गुहाएँ होती हैं जो हवा के संचार और म्यूकस को बाहर निकालने में सहायता करती हैं। साइनस संक्रमण, जिसे साइनसाइटिस भी कहते है।)
- निम्न रक्तचाप (low blood pressure) में लाभ मिलता है।