हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) करने का तरीका और फायदो के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि योगासन करने के क्या नियम होते हैं।
ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) करने का सही तरीका।
- ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।
ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) करने के फायदे।
ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- ऊर्ध्व धनुरासन के अभ्यास से छाती और फेफड़ों में खिचाव लाता है। जिससे छाती व फेफड़ों के विकास में मदद मिलती है। और फेफड़ों की कार्य क्षमता सुधार होता हैं जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छे से होता है।
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत व लचीला बनाने के लिए यह एक अच्छा योगासन है। ऊर्ध्व धनुरासन के अभ्यास से कमर दर्द और कूल्हों के दर्द से भी काफी आराम मिलता है।
- ऊर्ध्व धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से हाथों की कलाईयों और बाजुओं तथा कंधों, टाँगों एवं नितंबों की मांसपेशियां व हड्डियां मज़बूत बनती हैं और इनमें लचीलापन बढ़ता है।
- थाइरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) और पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) को उत्तेजित करने के लिए ऊर्ध्व धनुरासन एक अच्छा योगासन हैं।
- ऊर्ध्व धनुरासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पेट में जमा अतिरिक्त वसा कम होती है जिससे आप अपने पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं। इससे मोटापा कम करने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
- यह योगासन दमा (Asthma), पीठ दर्द, बांझपन (infertility) और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के लिए चिकित्सीय है। और ऊर्ध्व धनुरासन का रोजाना अभ्यास करने से कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज (cardiovascular heart disease) जैसी बीमारियां भी नहीं होती है हृदय स्वस्थ रहता है। तथा रक्त परिसंचरण (blood circulation) में सुधार होता हैं।
कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज (cardiovascular heart disease) :- दिल और रक्त वाहिकाओं के विकारों के कारण होती हैं। इनमें कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, जन्मजात हृदय रोग तथा दिल का फेल होना शामिल है।
ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) :- हड्डियों से सम्बंधित का एक चयापचय रोग है, जिसके कारण हड्डियों के घनत्व में कमी हो जाती है। इससे प्रभावित हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां अधिक नाजुक हो जाती हैं, इसलिए हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप हड्डियां भंग (fracture) हो जाती हैं। - इस योगासन का अभ्यास करने से आपके शरीर में स्फूर्ति आती है। और पाचन तंत्र (Digestive System) सुधार होता है
- ऊर्ध्व धनुरासन शारीरिक-मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है और डिप्रेशन को कम करता है।
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योग के नियम
अगर आप इन कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य ही आपको योग अभ्यास का पूरा लाभ मिलेगा।
- किसी गुरु के निर्देशन में योग अभ्यास आरम्भ करें।
- सूर्योदय या सूर्यास्त का वक़्त योग का सही समय है।
- योग करने से पहले स्नान ज़रूर करें।
- योग खाली पेट करें और योग करने के 2 घंटे पहले कुछ ना खायें।
- योग आरामदायक सूती कपड़े पहन के करे
- तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए योग करने से पहले सब बुरे ख़याल दिमाग़ से निकाल दें।
- किसी शांत वातावरण और साफ जगह में योग अभ्यास करें।
- अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
- योग अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
- अपने शरीर के साथ जबरदस्ती बिल्कुल ना करें।
- धीरज रखें। योग के लाभ महसूस होने मे वक़्त लगता है।
- निरंतर योग अभ्यास जारी रखें।
- योग करने के 30 मिनिट बाद तक कुछ ना खायें। 1 घंटे तक न नहायें।
- प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
- अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।
- अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें।
- योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।
योग के प्रमुख उद्देश्य
योग के उद्देश्य :-
- तनाव से मुक्त जीवन
- मानसिक शक्ति का विकास करना
- प्रकृति के विपरीत जीवन शैली में सुधार करना
- निरोगी काया
- रचनात्मकता का विकास करना
- मानसिक शांति प्राप्त करना
- सहनशीलता में वृद्धि करना
- नशा मुक्त जीवन
- वृहद सोच
- उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास करना
योग के लाभ/महत्व
- रोज सुबह उठकर योग का अभ्यास करने से अनेक फायदे हैं योग मन, मस्तिष्क, ध्यान और शरीर के सभी अंगो का एक संतुलित वर्कआउट है जो आपके सोच-विचार करने की शक्ति व मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है तनाव को कम करता है।
- योग मन को अनुशासित करता है।
- जहां जीम व एक्सरसाइज आदि से शरीर के किसी विशेष अंग का विकास या व्यायाम हो पाता है वही योग करने से शरीर के समस्त अंगों का, ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों, ग्रंथियों का विकास और व्यायाम होता है जिससे शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं।
- प्रतिदिन योग करने से शरीर निरोगी बनता है।
- योग का प्रयोग शारीरिक,मानसिक,बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास के लिए हमेशा से होता आ रहा है आज की चिकित्सा शोधों व डॉक्टरों ने यह साबित कर दिया है कि YOGA शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है।
- योग एकाग्रता को बढ़ाता है। प्रतिदिन योग करने से हमारी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बढ़ती है।
- प्रतिदिन योगासन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है शरीर स्वस्थ, निरोगी और बलवान बनता है।
- योग के द्वारा आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
- योग से ब्लड शुगर का लेवल स्थिर रहता है। ब्लड शुगर घटने व बढने की समस्या नहीं होती है।
- योग कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।
- योग ज्ञानेंद्रियों, इंद्रियों को जागृत करता है।
- योग डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की सभी मांसपेशियों का अच्छा विकास व व्यायाम होता है जिससे तनाव दूर होता है
- अच्छी नींद आती है भूख अच्छी लगती है पाचन तंत्र सही रहता है।
- योगासनों के नित्य अभ्यास से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बहुत सी स्टडीज में साबित यह हो चुका है कि अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीज योग द्वारा पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं।
- कुछ योगासनों और मेडिटेशन के द्वारा अर्थराइटिस, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द जोड़ों में दर्द आदि दर्द मे काफी सुधार होता है। गोली-दवाइयों की आवश्यकता कम हो जाती है।
- योग बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। योगासनों के नित्य अभ्यास से बच्चों में मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है। जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर है वह भी मेडिटेशन के द्वारा पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ हो सकते है अपनी एकाग्रता में सुधार कर सकते है।
सारांश
योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन), इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।
FAQ
Ques 1. ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) करने के क्या फायदे है?
Ans. ऊर्ध्व धनुरासन (चक्रासन) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।
- ऊर्ध्व धनुरासन के अभ्यास से छाती और फेफड़ों में खिचाव लाता है। जिससे छाती व फेफड़ों के विकास में मदद मिलती है। और फेफड़ों की कार्य क्षमता सुधार होता हैं जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छे से होता है।
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत व लचीला बनाने के लिए यह एक अच्छा योगासन है। ऊर्ध्व धनुरासन के अभ्यास से कमर दर्द और कूल्हों के दर्द से भी काफी आराम मिलता है।
- ऊर्ध्व धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से हाथों की कलाईयों और बाजुओं तथा कंधों, टाँगों एवं नितंबों की मांसपेशियां व हड्डियां मज़बूत बनती हैं और इनमें लचीलापन बढ़ता है।
- थाइरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) और पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) को उत्तेजित करने के लिए ऊर्ध्व धनुरासन एक अच्छा योगासन हैं।
- ऊर्ध्व धनुरासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पेट में जमा अतिरिक्त वसा कम होती है जिससे आप अपने पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं। इससे मोटापा कम करने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
- यह योगासन दमा (Asthma), पीठ दर्द, बांझपन (infertility) और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के लिए चिकित्सीय है। और ऊर्ध्व धनुरासन का रोजाना अभ्यास करने से कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज (cardiovascular heart disease) जैसी बीमारियां भी नहीं होती है हृदय स्वस्थ रहता है। तथा रक्त परिसंचरण (blood circulation) में सुधार होता हैं।
कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज (cardiovascular heart disease) :- दिल और रक्त वाहिकाओं के विकारों के कारण होती हैं। इनमें कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, जन्मजात हृदय रोग तथा दिल का फेल होना शामिल है।
ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) :- हड्डियों से सम्बंधित का एक चयापचय रोग है, जिसके कारण हड्डियों के घनत्व में कमी हो जाती है। इससे प्रभावित हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां अधिक नाजुक हो जाती हैं, इसलिए हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप हड्डियां भंग (fracture) हो जाती हैं। - इस योगासन का अभ्यास करने से आपके शरीर में स्फूर्ति आती है। और पाचन तंत्र (Digestive System) सुधार होता है
- ऊर्ध्व धनुरासन शारीरिक-मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है और डिप्रेशन को कम करता है।