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एक पाद शीर्षासन (दो प्रकार) करने की विधि, फायदे और सावधानियां। 1

एक पाद शीर्षासन

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम एक पाद शीर्षासन के बारे में जानकारी देंगे। भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन एक पाद शीर्षासन हैं।

इसलिए, इस लेख में हम  एक पाद शीर्षासन के बारे में जानेंगे। एक पाद शीर्षासन क्या है, एक पाद शीर्षासन करने का सही तरीका, एक पाद शीर्षासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

एक पाद शीर्षासन का शाब्दिक अर्थ।

एक पाद शीर्षासन करने का सही तरीका।

एक पाद शीर्षासन करने की दो विधियां हैं।

एक पाद शीर्षासन करने की प्रथम विधि

प्रथम विधि

एक पाद शीर्षासन करने के फायदे।

एकपाद शीर्षासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

एक पाद शीर्षासन करने से पहले ये आसन करें।

सर्वांगासन

एक पाद शीर्षासन करने के बाद ये आसन करें।

ताड़ासन
शवासन

एक पाद शीर्षासन करने की द्वितीय विधि

एक पाद शीर्षासन की द्वितीय विधि का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।

एकपाद शीर्षासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

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