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त्रिकोणासन (तीन प्रकार) करने की विधि और फायदे – Method and benefits of Trikonasana in Hindi.1

त्रिकोणासन

योगाभ्यास के दौरान शरीर को कई बार आध्यात्मिक अनुभव भी होते हैं। ये अनुभव किसी भी इंसान के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। योग आपके जीवन को नई दिशा देता है, योग आपको खुद से मिलाने की ही एक यात्रा है। भारत के महान योग गुरुओं और तपस्वियों ने मनुष्य के जीवन में संतुलन बनाने के लिए कई योगासनों का निर्माण किया है। इन्हीं योगासनों में से एक प्रमुख आसन त्रिकोणासन हैं। 

इसलिए, इस लेख में हम  त्रिकोणासन तीनों प्रकार के बारे में जानेंगे। त्रिकोणासन क्या है, त्रिकोणासन करने का सही तरीका, त्रिकोणासन करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे। 

त्रिकोणासन का शाब्दिक अर्थ।

त्रिकोणासन (प्रथम प्रकार)

त्रिकोणासन (प्रथम प्रकार) करने का सही तरीका।

त्रिकोणासन (प्रथम प्रकार) करने की विधि।

TRIKONASANA PHASE-1

TRIKONASANA PHASE-2

विधि।

श्वास का क्रम।

त्रिकोणासन का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

त्रिकोणासन (प्रथम प्रकार) करने के फायदे।

त्रिकोणासन (प्रथम प्रकार) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

पेल्विक मसल्स :- पेल्विक फ्लोर उन सभी मांसपेशियों का समूह है जो मूत्राशय (Urinary Bladder), गर्भाशय (Uterus), प्रोस्टेट (Prostate), योनि, मलाशय, और गुदा से जुड़ी रहती हैं। पेल्विक क्षेत्र जांघ के ऊपर और नाभि के नीचे मौजूद होता है।

ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) :- हड्डियों से सम्बंधित का एक चयापचय रोग है, जिसके कारण हड्डियों के घनत्व में कमी हो जाती है। इससे प्रभावित हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां अधिक नाजुक हो जाती हैं, इसलिए हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप हड्डियां भंग (fracture) हो जाती हैं।

त्रिकोणासन – प्रकारान्तर (द्वितीय प्रकार)

त्रिकोणासन (द्वितीय प्रकार) करने का सही तरीका।

त्रिकोणासन (द्वितीय प्रकार) करने की विधि।

विधि।

ध्यान 

त्रिकोणासन (द्वितीय प्रकार) करने के फायदे।

त्रिकोणासन (द्वितीय प्रकार) का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

 

गतिमय त्रिकोणासन (तृतीय प्रकार)

 

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

त्रिकोणासन, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

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