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भ्रामरी प्राणायाम :- Bhramari Pranayama in Hindi.1

भ्रामरी प्राणायाम

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम भ्रामरी प्राणायाम पर चर्चा करेंगे।

जब आधी रात बीत जाए और जीव-जन्तुओं की आवाज न सुनाई दे, तब साधक को एकांत स्थान पर जाकर दोनों हाथों से दोनों कानों को बंद करके पूरक और कुम्भक करना चाहिए। फिर अपने दाहिने कान से अंदर की विभिन्न ध्वनियों को सुनें। पहले झींगुरों की ध्वनि, फिर बांसुरी की धुन, फिर बादलों की गड़गड़ाहट की आवाज, फिर झांझ की आवाज, फिर मधुमक्खियों की गुंजन, घंटियां, घड़ियाल, तुरही, भेरी, मृदंग, दुंदभी आदि ध्वनियां सुनाई देती हैं।

इस प्रकार प्रतिदिन अभ्यास से विभिन्न प्रकार के नाद, ध्वनियाँ सुनाई देने लगती हैं और अनाहत नाद सुनाई देने लगते हैं। यह एक अद्भुत ध्वनि है। इसमें दिखाई देने वाला प्रकाश ब्रह्म है। जब मन इसमें विलीन हो जाता है तो भगवान विष्णु का परम पद प्राप्त हो जाता है। इस प्रकार जब भ्रामरी कुम्भक सिद्ध हो जाता है तो समाधि की सिद्धी हो जाती है। घेरण्ड जी आगे कहते हैं कि जप से आठ गुना उत्तम ध्यान है, ध्यान से आठ गुना उत्तम तप है, तप से आठ गुना उत्तम संगीत (अनहद नाद) है और इस संगीत (अनहद नाद) से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

इस लेख में भ्रामरी प्राणायाम के आसन को करने का तरीका और इस आसन के अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि भ्रामरी प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें।

भ्रामरी प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ।

भ्रामरी प्राणायाम करने का सही तरीका।

भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि।

विधि।

ध्यान।

श्वास का क्रम/समय।

दिशा।

विशेषता।

भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

भ्रामरी प्राणायाम करने के फायदे।

भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

भ्रामरी प्राणायाम, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

Ques 1. भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि?

Ans. भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि।

Ques 2. भ्रामरी प्राणायाम करने के क्या फायदे  है?

Ans. भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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