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सुप्त पादांगुष्ठासन करने का तरीका और फायदे – Method and benefits of Supta Padangusthasana in Hindi | 1

सुप्त पादांगुष्ठासन

हेलो दोस्तों आपका INDIA TODAY ONE blog में स्वागत है। इस लेख में हम सुप्त पादांगुष्ठासन करने का तरीका और फायदो के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि योगासन करने के क्या नियम होते हैं।

सुप्त पादांगुष्ठासन करने का सही तरीका

सुप्त पादांगुष्ठासन करने के फायदे

सुप्त पादांगुष्ठासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

  1. हैमस्ट्रिंग मांसपेशि :- हैमस्ट्रिंग मांसपेशी हिप से लेकर घुटने तक जांघों के पीछे मौजूद मांसपेशी है,जो दौड़ने की क्रिया में शरीर की मदद करती है। खिलाड़ियों के लगातार दौड़ते रहने से इस मांसपेशी में खासा दबाव महसूस होता है।
  2. क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां :- यह जांघ के सामने की मांसपेशियों का एक समूह है। क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने के लिए करते हैं, जैसे :- दौड़ना, किक करना (to kick), कूदना और चलना आदि है।
  1. कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है।
    sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।
  2. वैरिकाज़ नस :- जब त्वचा के नीचे की नसें फैल जातीं हैं, पतली और तनी हुई होती है, तो इसे वैरिकाज़ नस के रूप में जाना जाता है। यह नसों की दीवारों का पतला होना, भीतर के वाल्वों की विफलता के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त का जमाव होने लगता है, और नसें त्वचा पर पतली, नीली व बैंगनी रंग की उभरी हुई दिखने देने लगती हैं। जिनके कारण दर्द व तकलीफ होती हैं।
  1. अंडवृद्धि या (hydrocele):- उस स्थिति को कहते हैं जब अंडकोष की थैली के बाहरी आवरण में तरल पदार्थ (पानी) भर जाता है जिसकी वजह से सूजन आ जाती है। यह परेशानी पुरूषों में होती है

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योग के नियम

अगर आप इन कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य ही आपको योग अभ्यास का पूरा लाभ मिलेगा।

योग के प्रमुख उद्देश्य 

योग के उद्देश्य 

योग के लाभ/महत्व

सारांश

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं।
सुप्त पादांगुष्ठासन इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें।

FAQ

Ques 1. सुप्त पादांगुष्ठासन करने के क्या फायदे  है?
Ans. सुप्त पादांगुष्ठासन का नियमित अभ्यास करने के फायदे 

  1. हैमस्ट्रिंग मांसपेशि :- हैमस्ट्रिंग मांसपेशी हिप से लेकर घुटने तक जांघों के पीछे मौजूद मांसपेशी है,जो दौड़ने की क्रिया में शरीर की मदद करती है। खिलाड़ियों के लगातार दौड़ते रहने से इस मांसपेशी में खासा दबाव महसूस होता है।
  2. क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां :- यह जांघ के सामने की मांसपेशियों का एक समूह है। क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने के लिए करते हैं, जैसे :- दौड़ना, किक करना (to kick), कूदना और चलना आदि है।
  1. कटिस्नायुशूल (sciatica) :- sciatic nerve आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक जाती है। यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है। आमतौर पर यह दर्द लोगों को 30 साल के बाद ही होता है।
    sciatic nerve में हुई समस्या से जूझ रहे मरीजों को कमर दर्द, पैरों में सुन्नापन आना या दर्द का अनुभव होना आदि।साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जाना जाता है।
  2. वैरिकाज़ नस :- जब त्वचा के नीचे की नसें फैल जातीं हैं, पतली और तनी हुई होती है, तो इसे वैरिकाज़ नस के रूप में जाना जाता है। यह नसों की दीवारों का पतला होना, भीतर के वाल्वों की विफलता के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त का जमाव होने लगता है, और नसें त्वचा पर पतली, नीली व बैंगनी रंग की उभरी हुई दिखने देने लगती हैं। जिनके कारण दर्द व तकलीफ होती हैं।
  1. अंडवृद्धि या (hydrocele):- उस स्थिति को कहते हैं जब अंडकोष की थैली के बाहरी आवरण में तरल पदार्थ (पानी) भर जाता है जिसकी वजह से सूजन आ जाती है। यह परेशानी पुरूषों में होती है
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