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भस्त्रिका प्राणायाम करने की दो विधि, फायदे और सावधानियां – Bhastrika Pranayama in Hindi.1

भस्त्रिका प्राणायाम

हेलो दोस्तों INDIA TODAY ONE blog में आपका स्वागत है। इस लेख में हम भस्त्रिका प्राणायाम पर चर्चा करेंगे। 

भस्त्रिका का अर्थ है धौंकनी। इस प्राणायाम में सांस लेने और छोड़ने की गति तीव्र और शक्तिशाली होती है। साँस लेते समय एक प्रकार की ध्वनि निकलती है जिसकी तुलना हम लोहार की धौंकनी की ध्वनि से कर सकते हैं।

जैसे लोहार धौंकनी में हवा भरता है, उसी प्रकार नाक के द्वारा वायु को वक्ष स्थल व उदर में भरें। ऐसा बीस बार करें और कुंभक के माध्यम से वायु अंदर रोकें, फिर नासिका छिद्रों से उसी प्रकार वायु बाहर निकालें जैसे लोहार की धौंकनी से वायु निकलती है। इसे भस्त्रिका कुंभक कहा जाता है। ऐसा नियम के अनुसार तीन बार करें। इससे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होता है।

इस लेख में भस्त्रिका प्राणायाम के आसन को करने का तरीका और इस आसन के अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि भस्त्रिका प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें। 

भस्त्रिका प्राणायाम करने का सही तरीका।

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि।

भस्त्रिका प्राणायाम को करने की दो विधियां हैं।

प्रथम विधि।

द्वितीय विधि।

ध्यान देने योग्य बात।

समय।

भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

भस्त्रिका प्राणायाम करने के फायदे।

भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

सावधानियां।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

भस्त्रिका प्राणायाम, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

Ques 1. भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि?

Ans. भस्त्रिका प्राणायाम को करने की दो विधियां हैं।

प्रथम विधि।

द्वितीय विधि।

 

Ques 2. भस्त्रिका प्राणायाम करने के क्या फायदे है?

Ans. भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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