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जालंधर बंध करने की विधि, फायदे और सावधानियां – Jalandhara Bandha in Hindi.1

जालंधर बंध

इस लेख में हम जालंधर बंध पर चर्चा करेंगे। शास्त्रों में उल्लेख है कि सभी प्राणियों की नाभि में स्थित अग्नि सिर के ऊपरी भाग पर स्थित सहस्त्रदल कमल से टपकते अमृत को जलाती रहती है। अत: जालंधर बंध का अभ्यास करके साधक उस अमृत का पान कर सकता है और शाश्वत रूप से जीवित हो सकता है। अर्थात् चिरंजीवी बन सकता है। हम आपको जालंधर बंध कि विशेषता, जालंधर बंध करने का सही तरीका, जालंधर बंध करने के फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

जालंधर बंध का शाब्दिक अर्थ।

जालंधर बंध करने का सही तरीका।

जालंधर बंध करने की विधि।

विधि।

श्वास का क्रम/समय।

दिशा।

जालंधर बंध का अभ्यास करने के लिए इस वीडियो की मदद लें।

जालंधर बंध करने के फायदे।

जालंधर बंध का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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सारांश।

योग करना अच्छी आदत है। कभी भी जल्दी फायदे पाने के चक्कर में शरीर की क्षमता से अधिक  योगाभ्यास करने की कोशिश न करें। योगासनों का अभ्यास किसी भी वर्ग विशिष्ट के लोग कर सकते हैं। 

जालंधर बंध, इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। किन्तु हमारी मंत्रणा यही है कि कभी भी किसी अनुभवी योगाचार्य या योग विशेषज्ञ (yoga Expert) की मदद के बिना मुश्किल योगासनों का अभ्यास या आरंभ न करें। किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही मुश्किल योगासनों का अभ्यास करें। इसके अलावा अगर कोई गंभीर बीमारी हो तो योगासन का आरंभ करने से पहले डॉक्टर या अनुभवी योगाचार्य की सलाह जरूर लें

FAQs

 

Ques 1. जालंधर बंध करने की विधि?

Ans. जालंधर बंध करने की विधि।

 

Ques 2. जालंधर बंध करने के क्या फायदे  है?

Ans. जालंधर बंध का नियमित अभ्यास करने के फायदे।

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